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कोरोना महामारी के चलते व साथ में लॉकडाउन के कारण प्रोजेक्ट मैनेजर व फील्ड प्रभारी इन मजदूरों को बिना बताए अपने घर मिजोरम निकल गए और खुदाई में लगे अपने मजदूरों को यहीं पर छोड़ दिया। यह मामला गिरिपार क्षेत्र के चाढ़ना में ओएनजीसी कंपनी द्वारा तेल भंडारण का शोध चला हुआ था। इस कंपनी द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि चाढ़ना के आसपास व रोनहाट के आसपास तेल का भरपूर भंडारण विद्यमान है जिसके लिए कंपनी द्वारा इन स्थानों में करीब पांच माह से खुदाई का कार्य चलाया हुआ था मगर देश में इस जानकारी के अनुसार जनवरी माह से लेकर लगातार अभी तक कंपनी द्वारा इस क्षेत्र में मजदूर लगाए गए थे जिसमें जम्मू व नेपाल के भी मजदूर थे जिन्हें प्रशासन ने उनके घर छोड़ दिया ।
मगर यह आठ मजदूर व फील्ड प्रभारी यहीं पर रहे। कुछ दिन पहले फील्ड प्रभारी भी यहां से बिना बताए अपने घर मिजोरम की ओर रवाना हो गया। खुदाई के कार्य में लगे त्रिपुरा के ये मजदूर अब बिना पैसे के घर नही जा पा रहे है। मजेदार बात यह कि मजदूरों की अब तक करीब चार लाख से ज्यादा मजदूरी बनती है । जब मजदूर उक्त कंपनी के कर्मचारी को फोन करते है तो फोन भी उक्त प्रभारी व अन्य कर्मचारी ने बंद कर दिया। हालांकि कंपनी के वह यंत्र यहीं पर है जिससे यह लोग खुदाई करते है। मगर अब बिना पैसे के मजदूर घर जाए तो जाए कैसे , इनके पास इतना पैसा नही है कि यह लोग अपने घर त्रिपुरा जा सके।
वही कार्मय कर रहे जदूर जय कुमार, गोविंदा, महिलाल, गुना मोहन गोविंद्र आदि ने बताया कि हम लोगों के पास अब खाने के लिए भी पैसा नही बिना पैसे से हम लोग अपने प्रदेश नही जा सकते । हम लोग हर रोज कंपनी के कर्मचारियों को फोन करते है मगर फोन भी अब उन लोगों ने बंद कर दिए है। थक हार कर इन लोगों ने कंपनी के कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कर ली जो लोग इन्हें यहां काम करने लाए थे। नौहराधार पुलिस ने इन्हें अभी फिलहाल राशन तो मुहैया करा दिया है। एएसआई नोहराधार चेतन चौहान ने बताया कि इन आठ मजदूरों की शिकायत दर्ज की जा चुकी है। जहां पर यह लोग रहते है उस मकान मालिक को कहा गया है कि यदि कंपनी के कोई भी कर्मचारी अपना सामान लेने आते हैं तो तुरंत पुलिस को अवगत करे। इन्होंने कहा कि इस बारे में प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया हैं।
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