News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल में अब शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले होंगे। सरकार को शिक्षा विभाग के ऑनलाइन तबादले को लेकर पेश की गई पे्रजेटेंशन खूब भायी है। बताया जा रहा है कि स्कूल खुलने से पहले सरकार नई तबादला नीति को लेकर कोई फैसला ले सकती है। या यूं भी हो सकता है कि सरकार जल्द ऑनलाइन सिस्टम से ट्रांसफर को शुरू कर दे। ऐसे में अब लॉकडाउन के बीच भी शिक्षक गुपचुप तरीके से अपनी ट्रांसफर आसानी से नहीं करवा पाएंगे। अहम यह है कि सरकार ने फैसला लिया है कि ऑनलाइन शिक्षकों की ट्रांसफर सिस्टम शुरू होने के बाद फाइलों पर ट्रांसफर पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। फिलहाल 73 हजार शिक्षकों का बायोडाटा शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कर दिया है।
वहीं अब सरकार व विभाग के अधिकारी इस सॉफ्टवेयर से सभी शिक्षकों की प्रोगे्रस रिपोर्ट को देखते हुए भी तबादले कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा स्कूलों में यह पॉलिसी शिक्षकों के लिए लागू हो जाएगी। पॉलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों के तबादलों पर कागजी कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएगा। यानी कि अब शिक्षकों के तबादले ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह पॉलिसी लागू होने के बाद पांच साल बाद खुद पोर्टल शिक्षकों के नाम अपडेट कर देगा। वहीं पांच साल पूरे होने के बाद फिर शिक्षा विभाग स्टेशन देखकर शिक्षकों के तबादले करेगा। पॉलिसी में यह भी लागू किया गया है कि तीन साल बाद कोई भी शिक्षक अपने नजदीकी किसी स्कूल में जाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। अहम यह है कि ट्रांसफर पॉलिसी लागू होने के बाद शिक्षकों का अपनी मर्जीं से ट्रांसफर करना आसान नहीं होगा। सूत्रों की मानें, तो पीटीए शिक्षकोंं को भी अब ट्रांसफर पॉलिसी के अंतर्गत लाया जाएगा। ट्रांसफर पॉलिसी में केवल रेगुलर शिक्षक ही शामिल होंगे।
ये हो सकती हैं नई नीति की शर्तें
सामान्य क्षेत्रों में नौकरी करने वाले शिक्षकों को कम अंक दिए जाएंगे, जबकि दुर्गम व जनजातीय क्षेत्रों में सेवाएं दे चुके या दे रहे शिक्षकों को अधिक अंक मिलेंगे। तबादलों का खेल खत्म करने में जुटी जयराम सरकार नए सिरे से शिक्षकों के लिए नीति बनाई है। संशोधित तबादले नीति में महिला शिक्षक घर के पास तैनात होंगी और दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्त शिक्षकों के लिए भी नियम आसान होंगे। पूरे प्रदेश में एक नियम के तहत तबादले होंगे। अब दो साल बाद ट्रासंफर पॉलिसी बनाई गई है, तो देखना होगा कि इसे लागू किया जाता है या नहीं।
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