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कोरोना के चलते हिमाचल में साल भर तबादलों के बीच उलझे रहने कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ा महकमा शिक्षा विभाग कोरोना संकट के बीच स्कूल बंद होने पर तबादले करने में पीछे नहीं रहा। 24 मार्च से सात जुलाई तक शिक्षा विभाग में 2196 शिक्षकों और गैर शिक्षकों ने स्कूल बदले हैं। करीब सवा तीन माह के दौरान उच्च शिक्षा निदेशालय में 1573 और प्रारंभिक निदेशालय में 623 शिक्षकों ने तबादले करवाए। शिक्षण संस्थान बंद होने के बावजूद ऐडजस्टमेंट करवाने का खेल वैश्विक महामारी कोरोना के बीच चलता रहा है। प्रदेश में तबादलों पर लगी रोक के चलते मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी तबादलों की बाकायदा मंजूरिया मिल गई |
शिक्षा निदेशकों ने बताया कि सरकार की मंजूरी के बाद ही तबादले किए गए हैं प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के तहत 623 जेबीटी, 107 सीएंडवी, 144 टीजीटी और छह लिपिकों के तबादले हुए। उच्च शिक्षा निदेशालय के तहत कामर्स के 63, अंग्रेजी के 140, हिंदी के 110, इतिहास के 115, राजनीति शास्त्र के 83, अर्थशास्त्र के 83, गणित के 92, बायोलॉजी के 42, केमिस्ट्री के 82, फिजिक्स के 80, संस्कृत के 11, आईपी के 34, भूगोल के 3, म्यूजिक के 3, डीपी 39 और 49 हेडमास्टरों के तबादले हुए हैं। गैर शिक्षकों में 34 अधीक्षक, 10 वरिष्ठ सहायक, 22 क्लर्क, 434 पियून और 45 अन्य कर्मियों के तबादले हुए हैं।
बैठकों तक ही सीमित है सॉफ्टवेयर से तबादलों का प्रस्ताव -प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते ही भाजपा सरकार ने शिक्षकों के तबादले सॉफ्टवेयर के माध्यम से तबादले करने का एलान किया था। बीते ढाई साल में कई बैठकें भी हुईं। पड़ोसी राज्यों के मॉडल को भी स्टडी किया। सरकार को कई बार इस बाबत प्रस्ताव भेजे, लेकिन इच्छा शक्ति की कमी के चलते अभी तक इसको लेकर फैसला नहीं हो पाया। वर्तमान में एनआईसी से शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव के तहत सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। डाटा अपडेट करने का कार्य भी पूरा हो चुका है। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा हुई |
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