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कोरोना को मात देने के लिए आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद का सहारा लिया है। अलक्षणिक और गंभीर मरीजों को आयुष-64, अगस्तय हरीतकी और अणु तेल देने की तैयारी है। यह तीनों दवाएं बुखार, खांसी और सांस के लक्षण वाले मरीजों को दी जाएंगी। परिणाम बेहतर आने के बाद इसे आम नागरिकों को भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसे लेकर आयुष मंत्रालय ने गाइडलाइंस भी जारी की है। भारत में भी एलोपैथ सहित आयुर्वेद, होम्योपैथ दवाओं पर शोध जारी है। इस बीच अब आयुष मंत्रालय ने तीन दवाओं को कोरोना के मरीजों और क्वारंटाइन हुए लोगों को देने के निर्देश दिए हैं।
भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमरीका में आयुर्वेदिक चिकित्सक और शोधकर्ता कोरोना वायरस के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैं।संधू ने कहा कि हमारे संस्थान संयुक्त शोध, शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए आयुर्वेद का प्रचार करने के लिए एक साथ आये है |चिकित्सक और शोधकर्ता कोविड-19 के खिलाफ बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का संयुक्त क्लीनिकल परीक्षण शुरू करने की योजना बना रहे हैंउन्होंने कहा कि इससे न केवल भारत और अमरीका को फायदा मिलेगा, बल्कि दुनियाभर के उन अरबों लोगों को भी लाभ मिलेगा |
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