News portals सबकी खबर( शिमला )
एनएसयूआई की जिला शिमला इकाई द्वारा शिमला डीसी कार्यालय के बाहर कॉलेज छात्रों को कोरोना काल में बिना परीक्षा डायरेक्ट प्रमोट करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। ये प्रदर्शन शिमला जिला अध्यक्ष योगेश ठाकुर योगी की अध्यक्षता में किया गया। प्रदेशाध्यक्ष छतर ठाकुर भी इस मौके पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। एनएसयूआई का कहना है कि कोरोना संकट के कारण कॉलेजों की वार्षिक परीक्षाएं पहले से ही अपने निर्धारित समय से बहुत लेट हो चुकी है और आगे भी इन परीक्षाओं को लेकर बहुत अनिश्चितताएं बनी हुई है। प्रदेशाध्यक्ष छतर ठाकुर ने कहा कि सरकार इतने समय से अब तक परीक्षाओं के आयोजन को लेकर कोई निर्णय लेने में सफल नहीं हो पाई है। प्रदेश विश्वविद्यालय कभी कोई डेटशीट फाइनल करती है तो कभी प्रदेश सरकार के आदेशों का हवाला देकर उसे रद्द कर देती है।
जिला अध्यक्ष योगेश ठाकुर ने कहा कि सरकार की इस लापरवाही की वजह से प्रदेश के लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटका पड़ा है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई कोरोना की वजह से पिछले दो महीनों से भी अधिक समय से छात्रों को जनरल प्रमोशन दिलाने की मांग को लेकर देशभर में आंदोलनरत है। इस धरने में प्रदेश अध्यक्ष छतर ठाकुर व जिला अध्यक्ष योगेश ठाकुर सहित प्रदेश महासचिव मनोज चौहान, शिमला जिला उपाध्यक्ष अजीत रंछवाण, अंकित ठाकुर, जिला सचिव विक्रम राणा, चंदन महाजन, यासीन बट, कॉलेज परिसर अध्यक्षों में आरकेएमवी से सोनिया भागटा, रामपुर से सूरज जोंगा, संजौली कॉलेज से नितिन देष्टा, रोहड़ू कॉलेज से रंजीत मुखिया, शिवांशु, ठियोग कॉलेज से अंकुश वर्मा सहित जिले भर के कई छात्रों ने भाग लिया।
छतर ठाकुर ने कहा कि इस समय परीक्षाएं करवाने का निर्णय जोखिम भरा है और छात्रों में कोरोना संक्रमण फैलने का भी खतरा ज्यादा है। ऐसे में छात्र संगठन ही नहीं आम छात्र व अभिभावक भी जनरल प्रमोशन की मांग का समर्थन कर रहे है। कुछ दिन पूर्व यूजीसी द्वारा एक गाइडलाइन निकली गयी, जिसमे फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षाएं सितंबर माह के अंत तक करवाने को लेकर दिशानिर्देश दिए गए थे और तभी से देशभर में छात्र समुदाय इस फैसले के प्रति विरोध प्रदर्शन कर रहा है। आज के प्रदर्शन में एनएसयूआई शिमला इकाई द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन्स की कॉपियाँ भी जलाई |
Recent Comments