News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल प्रदेश में घोटालों और अनिमितताओं के कथित आरोपों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाले प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर अब मंडी के सांसद ने भी सवाल उठाए हैं। मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मंडी को भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए घेरा है। सांसद ने इस मसले को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी एक पत्र लिखा है। आरोपों पर मुख्यमंत्री ने जांच भी करवाई है। हालांकि जांच में क्या सामने आया है और क्या कार्रवाई हुई, इसका खुलासा सांसद रामस्वरूप शर्मा ने नहीं किया है।
इस बात के अब सामने आने के बाद मामला गरमाने के पूरे आसार बन गए हैं और इसे लेकर फिर से कांग्रेस मोर्चा खोलेगी। मंडी जिला में स्वास्थ्य विभाग को लेकर प्रदेश सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही बडे़ स्तर पर घोटालों के आरोप कांग्रेस लगाती आ रही है। वहीं सांसद का कहना है कि भ्रष्टाचार के प्रति हिमाचल सरकार का रवैया सख्त है तथा भ्रष्टाचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में भ्रष्टाचार को लेकर कुछ मामले आए थे, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और उसकी जांच करवाई।
मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर जांच कर सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी बाज नहीं आ रहे हैं तथा साफ-सुथरी सरकार व ईमानदार मुख्यमंत्री की छवि को खराब कर रहे हैं। उधर, पूर्व सीएमओ डा. जीवानंद चौहान का कहना है कि सांसद रामस्वरूप शर्मा ने जो आरोप लगाए हैं, वे बेबुनियाद हैं।
यह है मामला
सांसद ने मंडी के स्वास्थ्य विभाग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी को लेकर कई आरोप लगाए हैं। इस मामले में एक पत्र होने की कही जा रही है। उसमें न कोई तारीख का जिक्र है और न ही सांसद के हस्ताक्षर। मंगलवार को सांसद ने खुद बयान जारी कर ऐसा पत्र मुख्यमंत्री को भेजने की बात की है। पत्र में कहा गया है कि जोगिंद्रनगर में गत वर्ष सांसद स्वास्थ्य मेले का आयोजन हुआ था। आरोप है कि टेंट व दवाइयों के फर्जी बिल बनाकर खानापूर्ति कर दी गई। लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के बीच सीएमओ की गाड़ी कई बार चंडीगढ़ गई। एक-डेढ़ साल के कार्यकाल में पूर्व सीएमओ ने छह चालक बदले। स्वास्थ्य दिवस मनाए नहीं गए और फंड का खर्च पूरा दर्शा दिया गया। आपातकालीन सेवा कर्मियों को आवास देने में भेदभाव, सफाई व्यवस्था का काम आउटसोर्स महंगी दर पर देने व बीएमओ पद्धर को मंडी व जिला स्वास्थ्य अधिकारी को प्रताडि़त करने के आरोप लगाए गए हैं।
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