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हिमाचल में लाखों लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए तरह-तरह के मास्क का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन उन लोगों को पता ही नहीं कि वे फैशन मास्क पहनकर अपने लिए कितना बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं। भारत सरकार व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी अब मास्क को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। वहीं केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को साफ किया है कि वह नॉन मेडिकल मास्क के प्रयोग पर रोक लगा दें। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों से लेकर दूसरे डाक्टर भी नवाइस फेस सर्टिफाइड मास्क का ही प्रयोग करें। इसके साथ ही अगर बात की जाए, तो भारत सरकार ने गाइडलाइन में यह भी कहा है कि बाजारों में एन-95 के जो मास्क बेचे जा रहे हैं, वे असल में पॉल्यूशन मास्क हैं, जो पॉल्यूशन को कंट्रोल कर सकते हैं, न कि संक्रमण को आपके अंदर आने से रोक सकते हैं।
भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय स्वास्थ्य सेवा निदेशालय नई दिल्ली के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए मास्क के उपयुक्त प्रयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। महानिदेशालय द्वारा एन-95 मास्क मुख्यतः जिसमें श्वसन वॉल्व हैं, के प्रयोग को हानिकारक बताया है और कहा है कि यह वायरस रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। बता दें कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से मास्क पहनने को लेकर गाइडलाइन का लिंक भी जारी किया है। फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मास्क को लेकर जारी की गई गाइडलान काफी महत्त्वूपर्ण है।
इलाज करने वाले ही पहन सकते हैं एन-95 मास्क, थ्री लेयर्ड भी सही -अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज करने वाले ही एन-95 मास्क पहनेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों को आदेश दे दिए हैं। वहीं, अस्पतालों में सेवाएं देने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी थ्री लेयर्ड मास्क पहनेंगे।
बढ़ा रहे आर्थिक बोझ -केंद्रीय मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि बाजारों में बिकने वाले मास्क को लेकर हम केवल अपने ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ा रहे हैं। महंगे दामों पर खरीदे जाने वाले मास्क से संक्रमण रोकना संभव नहीं है। मास्क को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन हिमाचल सरकार के पास भी पहुंच गई है। अब प्रदेश सरकार भी मास्क को लेकर लोगों को जागरूक करेगी, इसके साथ ही लोग केवल मेडिकल मास्क यानी की नवाइस फेस मास्क ही पहनें, इसका विशेष रूप से ध्यान रखेंगे। आईजीएमसी ने भी अब स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन को अपना लिया है।
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