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हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज व स्थानीय शहरी निकाय चुनाव को लेकर चल रही प्रक्रिया के दौरान सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षण का काम पूरा कर दिया गया है। जिला स्तर पर सभी संबंधित अधिकारियों को सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया है, जहां पर मतदाता केंद्रों को भी चिन्हित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार इसकी सूचियां अब ब्लॉक स्तर पर पहुंच गई हैं, जहां राजस्व विलेज के हिसाब से मतदाता सूचियों को अपडेट कर दिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने आठ जुलाई से ईआरएमएस सॉफ्टवेयर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था, जो कि 20 जुलाई को समाप्त हुआ है।
कोविड की वजह से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गूगल मीट के माध्यम से हिप्पा में कार्यरत रिसोर्स परसन सतीश चंद शर्मा संयुक्त निदेशक व कोर्स डायरेक्टर प्रताप चौहान द्वारा करवाया गया। इस दौरान 10 दिन में प्रदेश के 1003 अधिकारियों व कर्मचारियों, जिसमें जिला पंचायत अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, पंचायत निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं चयनित पंचायत सचिवों तथा शहरी निकायों के कार्यकारी अधिकारियों व सचिव को ईआरएमएस सॉफ्टवेयर की संरचना तथा कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण दिया गया। इन सभी को ऑनलाइन अभ्यास भी करवाया गया। यह प्रशिक्षण राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सुरजीत सिंह राठौर, निर्वाचन अधिकारी संजीव महाजन, वरिष्ठ सहायक संजय चंदेल तथा नागेश ठाकुर व योगेश मेहता द्वारा दिया गया।
इसमें भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा पहली जनवरी, 2020 तक विधानसभा की मतदाता सूचियों में पंजीकृत योग्य मतदाताओं को पंचायत के संबंधित वार्ड, शहरी निकायों के पोलिंग स्टेशन में दर्ज किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ईआरएमएस सॉफ्टवेयर पर मतदाता सूचियों के बनने से समय व संसाधन दोनों की बचत होगी। इससे पूर्व कर्मचारियों को घर-घर जाकर मतदाता सूचियां बनानी पड़ती थीं।
ब्लॉक स्तर पर पहुंची चुनावी प्रक्रिया
ब्लॉक स्तर पर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पहुंच गई है। इसके तहत वहां जिलों द्वारा चिन्हित पोलिंग स्टेशन में कितने मतदाता हैं और कितने नए जुड़ने हैं, का ब्यौरा खंगाला जाएगा और फिर राजस्व गांव के आधार पर पोलिंग स्टेशन बनाकर इन सूचियों का वितरण होगा। इसके बाद फिर पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी रहेगी, जो अपने क्षेत्रों में हर वार्ड के मतदाताओं की सूची का अपडेशन करेंगे।
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