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कोरोना के कम या न के बराबर लक्षण वाले पॉजिटिव मरीजों का अब उनके घर पर ही इलाज होगा। दिल्ली की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश राज्य स्वास्थ्य मिशन ने इसको लेकर सर्कुलर जारी कर दिया है। सर्कुलर के अनुसार साठ साल की उम्र से कम के कोरोना मरीज को ही होम आइसोलेट किया जाएगा। इसके साथ ही मरीज को हाइपरटेंशन, मधुमेह, हृदय रोगी, अस्थमा, क्रोनिक लीवर, किडनी, एचआईवी, कैंसर व ट्रांसप्लांट जैसी बीमारी न हो। इसके अलावा उस मरीज के घर में साठ साल से ज्यादा उम्र या इस तरह की किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त कोई भी व्यक्ति नहीं होना चाहिए।
यही नहीं, घर में उसकी 24 घंटे देखभाल करने के लिए 18 से 55 साल की उम्र का स्वस्थ व्यक्ति भी हो। उसके परिवार में कोई गर्भवती महिला नहीं होनी चाहिए। मरीज को घर के जिस हिस्से में रखा जाएगा, वहां पर अलग से बाथरूम, बेडरूम होना जरूरी है, ताकि उसे किसी और के संपर्क में आने से बचाया जा सके। सबसे अहम बात यह है कि ऐसे मरीज को इस बात की रजामंदी देनी होगी कि वह होम आइसोलेट रहेगा और उसके लिए नियुक्त सर्विलांस अधिकारी को वह स्वास्थ्य की नियमित जानकारी देगा। इसके बाद संबंधित जिले या ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी मरीज के संबंध में आदेश जारी करेंगे।
कब होगी स्वास्थ्य निगरानी की जरूरत
मरीज और उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति को लगातार स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी। अगर मरीज को सौ डिग्री से ज्यादा तापमान, सांस लेने में तकलीफ, ऑक्सीजन की कमी, दर्द, सीने में दबाव, मानसिक परेशानी, कमजोरी या होंठ या चेहरा नीला पड़ने लगे तो इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य अधिकारी को देनी होगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज का चेकअप कर जरूरत के मुताबिक उसे अस्पताल में शिफ्ट करेगी।
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