News portals सबकी खबर (पांवटा साहिब)
कोरोना संकट के बीच हिमाचल में फाॅलआर्मी वर्म कीट का आतंक जारी है । राज्य में माॅनसून शुरू होते ही फाॅलआर्मी वर्म कीट ने मक्की की फसलों को तबाह करना शुरू कर दिया है। प्रदेश के जिला सिरमौर, मंडी, शिमला, कांगड़ा और ऊना जिले में 25 से 30 फीसदी फसल को फाॅलआर्मी वर्म कीटों द्वारा बर्बाद की जा चुकी है। जबकि अभी यह सिलसिला जारी है। इस नई मुसीबत से किसान काफी हताश और मायूस हो गए है। इसके लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी के साथ अलर्ट भी जारी किया है। ताकि समय रहते इस बीमारी से निपटा जा सके। बता दें कि बरसात होने से यह कीट ज्यादा पनपते हैं। यह कीट तितली मॉथ के रूप में पौधों के निचले पत्तों पर अंडे देता है। अंडों से निकलीं सुंडियां पौधों को अपना खाना बनाती हैं। पत्तों को खाकर उनमें समांतर चलने वाले लंबे-लंबे छेद बनाती हैं और बाद में पूरा पत्ता खा जाती हैं।
राज्य कृषि विभाग की और से एडवाइजरी जारी की गई हैं कि किसानों को ऐममिक्टिन वेन्जोएट 5 एसजी (0.4 मिलि प्रति लीटर पानी) या फ्लूवेण्डामाइड 480 एससी (0.4 मिलि प्रति लीटर पानी) या क्लोरेन्ट्रनिलीप्रोल 18.5 एससी (0.4 मिलि प्रति लीटर पानी) या स्पाइनोसेड (0.3 मिलि प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। वहीं, कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान केन्द्र धौलाकुंआ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. पंकज मित्तल का कहना है कि कृषि विभाग की हिदायतों अनुसार दवाइयों का छिड़काव करें। किसानों को रात्रि समय में यह छिड़काव करना ज्यादा बेहतर होगा।उन्होंने कहा कि कीट का प्रकोप बरसात का अच्छे ढंग से न हो पाना है। यदि अच्छी बरसात होती है तो यह रोग कम हो जाएगा।
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