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शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज केन्द्र सरकार द्वारा मंजूर की गई नई शिक्षा नीति का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति में व्यापक बदलाव के लिए नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल ने जो स्वीकृति प्रदान की है का कोटि-कोटि अभिनंदन व आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरयाल निशंक तथा पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे प्रकाश जावेडकर को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की पढ़ाई के लिए शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक था। प्राथमिक और उच्च दोनों स्तरों पर परिवर्तन की मांग हो रही थी। इस नीति से संस्कारयुक्त शिक्षा मिले तथा रोजगारपरख शिक्षा नीति कारगर साबित हो इस दृष्टि से देश के विद्वानों की समिति के तहत डाॅ. कस्तूरी नंदन की अध्यक्षता में बनाई गई थी।
उन्होंने शिक्षा नीति के दस्तावेज व्यापक चर्चा के बाद तैयार किया था, जिसे सार्वजनिक तौर पर भी काफी सुझाव प्राप्त हुए। जनता, शिक्षक, जन प्रतिनिधि, शिक्षाविद् सभी से व्यापक चर्चा करने के बाद यह शिक्षा नीति आई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखने का, स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण विषय है। सभी विषयों को एक छत के नीचे के लाकर जिसमें चिकित्सा, कृषि, तकनीकी अथवा सामान्य शिक्षा शामिल है के सबकी प्रवाह को एक समान एक दिशा में लाने के लिए प्रारूप में विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का दायरा बढ़ाया गया, इसके साथ उच्चतर शिक्षा के लिए एक नियामक ढांचे का प्रावधान किया गया है, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी तथा एक समान नियम सभी शिक्षाओं के लिए बनेगे। इस शिक्षा नीति में प्राथमिक स्तर पर विशेष ध्यान दिया गया है। मातृ भाषा में शिक्षा प्राप्त हो इसकी विशेष व्यवस्था है और सारे देश में एक समान पाठ्यक्रम बने इस पर जोर दिया गया है।
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