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दरअसल समग्र शिक्षा विभाग ने ‘हर घर बने पाठशाला’ के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा ली।पहले इस परीक्षा में पांच लाख छात्रों में से केवल 70 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया उसमे से 20 फीसदी छात्रों के परिणाम ठीक नहीं रहे। कोरोनाकाल ने एक बार फिर से सरकारी स्कूलों के परिणामों को हैरत में डाल दिया है। 70 हजार छात्रों से अंग्रेजी व हिसाब के सवाल पूछे गए। इसमें सामने आया कि पहली से पांचवीं कक्षा के 20 प्रतिशत छात्र अभी भी जमा, घटाने व सवालों के फार्मूले का सही इस्तेमाल करना नहीं सीख पा रहे हैं। हालांकि 80 प्रतिशत छात्रों ने फिर भी बड़े ही अच्छे ढंग से सभी सवालों के जवाब भी दिए हैं। पहली बार समग्र शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन टेस्ट ट्रायल बेस पर लिया गया था। हालांकि शिक्षा विभाग व सरकार इस बात को लेकर भी चिंतित है कि अभी सभी छात्र ऑनलाइन टेस्ट में भाग नहीं ले रहे हैं।
विभागीय जानकारी के अनुसार ऑनलाइन कक्षाओं में भी छात्र पोर्टल को ज्वाइन करते थे और चले जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, अब निदेशालय से मॉनिटर किया जाएगा कि कितने छात्र ऑनलाइन स्टडी व परीक्षा से जुड़कर अपनी पढ़ाई को गंभीरता से ले रहे हैं। फिलहाल पहली से आठवीं तक के छात्रों के परिणामों को अभी भी चैक किया जा रहा है। समग्र शिक्षा विभाग में अलग से टीम का गठन किया गया है। यह टीम दूसरी बार इसका मंथन कर रही है, वहीं रिजल्ट की रिपोर्ट सरकार को भी सौंपी जाएगी।
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