News portals-सबकी खबर (बेरूत)
राजधानी बेरूत में मंगलवार रात तट के पास खड़े एक जहाज में भीषण विस्फोट हुआ। धमाका इतना भीषण था कि 10 किलोमीटर के दायरे में मौजूद घरों को नुकसान पहुंचा। धमाके से कारें तीन मंजिल तक उछल गईं। कई इमारतें एक पल में धराशायी हो गईं। धमाके में मरने वालों का आंकड़ा 100 तक पहुंच गया है, जबकि चार हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। इनमें से कई की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। शिपमेंट में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट था। धमाका किसी भूकंप की तरह था। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 240 किलोमीटर तक धमक महसूस हुई। इस बीच लेबनान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि शिपमेंट में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट था।
धमाका हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु बम विस्फोट जितना भयानक था। धमाके के बाद लेबनान में डिफेंस काउंसिल की मीटिंग हुई। इसमें राष्ट्रपति भी शामिल हुए। बाद में प्रवक्ता ने कहा कि यह कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि एक वेयरहाउस में 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट छह साल तक रखा रहा और किसी ने एहतियाती या सुरक्षा के कदम तक नहीं उठाए। देश में दो हफ्ते के लिए एमर्जेंसी लागू कर दी गई है। लेबनान के कस्टम विभाग ने घटना के लिए सीधे तौर पर पोर्ट चीफ को जिम्मेदार ठहराया। कस्टम हेड बादरी दहेर ने कहा कि मेरा डिपार्टमेंट अमोनियम नाइट्रेट रखने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। धमाका इससे ही हुआ।
इस घटना के लिए पोर्ट चीफ हसन कोरेटेम जिम्मेदार हैं। इस बारे में पोर्ट चीफ ने अब तक प्रतिक्रिया नहीं दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेरूत में हुए धमाके पर दुख जताया। बुधवार सुबह एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि बेरूत में हुए धमाके की खबर सुनकर दुखी हूं। कई लोगों ने जान गंवाई और प्रॉपर्टी का भी नुकसान हुआ। ब्लास्ट में मारे गए और घायल हुए लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस धमाके को भयानक हमला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बेहद खतरनाक किस्म का हमला नजर आ रहा है। हम इस मुश्किल वक्त में लेबनान सरकार के साथ खड़े हैं। जांच में उनकी मदद करना चाहते हैं।
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