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राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा दो से लेकर दसवीं तक संस्कृत विषय अनिवार्य होगा। जानकारी के अनुसार 2022 में शुरू होने वाले नए सत्र से इस विषय के पाठ्यक्रम का मुद्रण कर इसे स्कूलों में छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के नियमों को देखते हुए स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दूसरी से लेकर चौथी कक्षा तक सिलेबस तैयार भी कर दिया है। हालांकि कोरोना काल के इस समय में अभी दो साल तक यह विषय लागू नहीं किया जाएगा। खास बात यह है
कि संस्कृत विषय में बोर्ड की तरफ से जो सिलेबस तैयार किया गया है, उसमें ध्यान रखा गया है कि छात्रों को पढ़ने में ज्यादा टफ न लगे। यही वजह है कि दूसरी से लेकर चौथी तक तैयार किए गए सिलेबस में सभी चीजें व्यावहारिक डाली गई हैं। दरअसल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा छठी से दसवीं तक पहले से अनिवायर्ता के रूप में यह विषय पढ़ाया जा रहा है।अब दूसरी से इस विषय के बारे में छात्रों को बताने से संस्कृत भाषा जो दूसरी राज भाषा घोषित हो चुकी है, उसे छात्र पढ़ सकेंगे। दरअसल नई शिक्षा नीति में भी अपनी लोकल भाषा के बारे में छात्रों को पढ़ाने के बारे में जोर दिया गया है। यही वजह है कि बोर्ड ने दो साल पहले ही संस्कृत विषय का सिलेबस तैयार कर दिया है। बहरहाल, 2022 के सत्र से यह विषय शुरू करने की योजना है।
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