News portals-सबकी खबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात का संकेत दिया कि सरकार लड़कियों की शादी के लिए तय कानूनी आयु में संशोधन करने का विचार कर रही है। की लड़कियों की शादी की कानूनी आयु में बदलाव हो सकता है वर्तमान की बात करें तो देश में लड़कियों की शादी की कानूनी आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष है। कम उम्र में मां बनने वाली लड़कियों में एनीमिया और कुपोषण जैसी समस्याएं बेहद आम हैं।
साल 2001 की जनगणना के अनुसार 15 से 49 वर्ष आयु वर्ग के बीच 81.4 फीसदी महिलाएं विवाहित होती हैं। शादी की आयु का मुद्दा लंबे समय से बहस का मामला रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी समय-समय पर महिला और पुरुष दोनों के लिए विवाह की समान आयु की जरूरत की बात कही है। 140 देशों में महिला और पुरुष दोनों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष है।
बता दें कि केंद्रीय बजट 2020-21 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि साल 1978 में तत्कालीन शारदा अधिनियम 1929 को संशोधित कर लड़कियों की शादी की आयु को 15 वर्ष से बढ़ाकर 18 वर्ष किया गया था। जैसे-जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, महिलाओं के लिए भी उच्च शिक्षा और करियर के रास्ते खुल रहे हैं।
मातृ मृत्यु अनुपात को कम करने की और पोषण स्तर को बढ़ाने की जरूरत है। लड़कियों के मां बनने की आयु के पूरे मुद्दे पर फिर से विचार करने की जरूरत है। वित्त मंत्री के इस बयान के बाद जून में सामाजिक कार्यकर्ता जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
Recent Comments