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हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के नेताओं ने कहा है कि देश में दस वर्ष की अवधि के बाद वेतन आयोग का गठन होता है और उसके बाद आयोग देश के हर राज्य का बजटीय प्रावधान, राजस्व आय-व्यय और वहां की जनसंख्या अनुपात जैसे विषयों के आकलन करने के बाद वेतनमानों के संशोधन की सिफारिश सरकार को देता है।राज्य के स्टाफ को लागू होने वाले जनवरी 2016 से संशोधित वेतनमानों पर सरकार से शीघ्र गंभीरता से विचार कर फैसला लेने की आवाज बुलंद हो गई है।
महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कुमार, महासचिव गीतेश पराशर, जिला शिमला के अध्यक्ष गोविंद बरागटा, महासचिव विनोद शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतराम शर्मा, उपाध्यक्ष शालिग राम चौहान, अतिरिक्त महासचिव एलडी चौहान ने कहा है कि सरकार को एक साल पहले दिए गए ज्ञापन पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी चर्चा की गई है तथा सीएम के सचिव अनिल खाची से भी जो उस समय वित्त विभाग को देख रहे थे, से लंबी चर्चा हुई है।
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