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ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा नई पंचायतों के गठन के लिए गैर-जनजातीय क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों के लिए मापदण्ड अनुमोदित कर दिये है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि मुखमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा नई पंचायतों के गठन के लिए गैर-जनजातीय क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों के लिए मापदंड अनुमोदित कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अनुमोदित मापदंडों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 230 नई ग्राम पंचायतों का गठन प्रस्तावित हैं। इनमें जिला बिलासपुर में 14, चंबा में 18, हमीरपुर में 9, लाहुल-स्पिति में 4, किन्नौर में 7, सोलन में 17, मंडी में 65, कांगड़ा में 33, शिमला में 35, ऊना में 2, कुल्लू में 28 और सिरमौर में 8 नई ग्राम पंचायतों का गठन प्रस्तावित हैं।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि गैर-जनजातीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित मापदण्डों के अनुसार उन ग्राम पंचायतों से नई पंचायतों का गठन किया जाएगा, जिनकी 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2000 तथा उससे अधिक है। परिवारों की संख्या 500 या उससे अधिक, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गांव की दूरी 5 किमी या उससे अधिक, गांव की संख्या 5 तथा उससे अधिक है।
इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 600 होनी चाहिए। यह मापदंड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होगा। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायतें बनाई जाएंगी, जिनकी जनसंख्या 750 और उससे अधिक है। इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए।
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