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हिमाचल प्रदेश में अगर नई शिक्षा नीति लागू हो जाती है, तो शिक्षक ट्रांसफर पालिसी लागू करना अनिवार्य हो जाएगा। केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ट्रांसफर पालिसी को अनिवार्य करने के साथ ही शिक्षकों के तबादले से लेकर उनकी सारी जानकारी ऑनलाइन रखने को कहा गया हैजानकारी के अनुसार शिक्षकों के लिए ट्रांसफर को लेकर बनाए गए सॉफ्टवेयर पर राज्य सरकार अभी तक साढ़े 12 लाख तक का बजट खर्च कर चुकी है।बावजूद इसके पालिसी को लागू न करने के पीछे कई सवाल सरकार के पर उठते रहे हैं।
नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद ऑनलाइन शिक्षकों की ट्रांसफर पर एमएलए व दूसरे नेताओं के डीओ लैटर भी नहीं चलेंगे। इसके साथ ही ट्रांसफर पालिसी को लागू न करने पर शिक्षकों की मनमानी भी खत्म हो जाएगी ,अब पीटीए शिक्षकों को नियमित होने के बाद शिक्षक ट्रांसफर पालिसी में शामिल किया जाएगा। इससे पहले उनका बायोडाटा पीएमआईएस पोर्टल पर नहीं डाला गया था, लेकिन अब जब यह शिक्षक नियमित हो चुके हैं, तो उन्हें भी ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में लाया जा रहा है।
अब हिमाचल जब नई शिक्षा नीति लागू करने जा रहा है, तो सालों से जिस ट्रांसफर पालिसी को सरकार लागू नहीं कर पाई, नई शिक्षा नीति में उसे करना जरूरी हो जाएगा। बता दें कि प्रदेश में शिक्षकों के लिए ट्रासंफर पालिसी ढे़ड साल पहले बनकर तैयार हो गई थी, जिसकी कई बार सरकार के सामने शिक्षकों ने प्रेजेंटेंशन भी दी, बावजूद इसके पालिसी लागू नहीं हो पाई। । फिलहाल अब नई शिक्षा नीति का इंतजार है। इसके साथ नई शिक्षा नीति में शिक्षा के क्षेत्र में क्या बदलाव होते हैं, यह भी देखना अहम होगा।
फिलहाल पीएमआईएस पोर्टल जिस पर शिक्षकों की ट्रासंफर होगी, उस पर शिक्षकों का मोबाइल नंबर होना अनिवार्य किया गया है। शिक्षा अधिकारियों को शिक्षक का वही नंबर ऑनलाइन चढ़ाना होगा, जो परमानेंट व आधार से लिंक होगा। पोर्टल में शिक्षकों की दी गई जानकारी सही होना जरूरी है। सरकार द्वारा बनाई जा रही पालिसी के लिए शिक्षकों का डाटा पीएमआईएस पोर्टल से ही लिया जाएगा। पोर्टल पर शिक्षकों के वेतन की भी जानकारी मिलेगी।
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