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सेवानिवृत्ति लाभ न देने से जुड़े मामले मामले में टूरिज्म कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक की सैलरी पर प्रदेश के हाई कोर्ट ने समय रोक लगाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक प्रार्थी को रिटायरमेंट से जुड़े बकाया वित्तिय लाभ नहीं दे दिए जाते, तब तक महाप्रबंधक की तनख्वाह पर रोक लगी रहेगी।मामले के अनुसार प्रार्थी नेकराम ने टूरिज्म कारपोरेशन से सेवानिवृत्त होने पर बार-बार अपने रिटायरमेंट से जुड़े लाभों को अदा करने की गुहार लगाई, परंन्तु कोई लाभ नहीं हुआ। कारपोरेशन अपनी वित्तीय हालत का हवाला देते हुए सेवानिवृत्ति से जुड़े वित्तीय लाभ देने में टालमटोल करता रहा।
प्रबंध निदेशक को सैलरी जारी करवाने के लिए कोर्ट की अनुमति भी लेनी होगी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की ने नेकराम द्वारा दायर अनुपालना याचिका की सुनवाई के पश्चात उपरोक्त आदेश पारित किए ।हाई कोर्ट में याचिका दायर करने पर भी उसे पूरे लाभ ब्याज सहित अदा नहीं किए गए।मजबूरन उसे अनुपालना याचिका दायर करनी पड़ी। अनुपालना याचिका की पिछली सुनवाई के पश्चात भी कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जब तक टूरिज्म कारपोरेशन सेवानिवृत्ती के वित्तीय लाभ देने संबंधित शपथ पत्र कोर्ट में दायर न करे, तब तक महाप्रबंधक का मासिक वेतन जारी न किया जाए।
टूरिज्म कारपोरेशन ने कोर्ट के आदेशों के अनुपालना में शपथ पत्र दायर किया था, जिसमें बताया गया कि प्रार्थी को रिटायरमेंट के वित्तीय लाभ दे दिए गए हैं और केवल वित्तिय लाभों पर देय ब्याज राशि 188093 बाकी है। कारपोरेशन ने अपनी वित्तीय हालत देखते हुए ब्याज राशि 20 किस्तों में देने की बात कही थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। मामले पर सुनवाई 28 सितंबर को होगी।
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