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पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा वर्तमान सीएम को भी सौंपे जा चुके हैं मांग पत्र
सिरमौर जिला के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह मे ज्युडीशियल कोर्ट खोले जाने को लेकर हालांकि पिछले दो विधानसभा चुनाव में सभी दलों से आश्वासन मिलते रहे, मगर सत्ता मिलने के बाद किसी भी दल की सरकार ने उक्त चुनावी वादा पूरा नहीं किया। 4, मई, 2012 को संगड़ाह को नागरिक उपमंडल का दर्जा मिलने अथवा यहां एसडीएम कार्यालय खुलने के बाद 2, जून, 2018 को हालांकि यहां डीएसपी अथवा उपमंडलीय पुलिस अधिकारी की नियुक्ति भी हो चुकी है
मगर ज्युडीशियल कोर्ट, एपीआरओ व विद्युत विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय आदि उपमंडल स्तर के संस्थान नेताओं की घोषणाओं के बावजूद शुरू नहीं हो पाए। उक्त लंबित मांगों अथवा घोषणाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को दर्जन भर ज्ञापन सौंप चुके संगड़ाह विकास मंच, व्यापार मंडल व सारा आदि स्थानीय संगठनों के पदाधिकारियों तथा पंचायत प्रतिनिधियों ने यहां जारी बयान में कहा कि, वर्तमान मुख्यमंत्री को भी इस बारे सात बार मांग पत्र भेजे जा चुके हैं। इसकी प्रतियां प्रदेश के राज्यपाल व उच्च न्यायालय को भी भेजी गई है।
वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को मिनी सचिवालय भवन संगड़ाह के उद्घाटन समारोह के दौरान इस मामले में ज्ञापन सौंपे जाने के बाद गत 3, मार्च को भाजपा रेणुकाजी मंडल अध्यक्ष प्रताप तोमर के माध्यम से एक बार फिर यहां ज्युडीशियल कोर्ट व उपमंडल स्तर के सभी संस्थान खोलने को लेकर मांग पत्र भेजा जा चुका है। उक्त संगठनों के पदाधिकारियों ने यहां जारी बयान में कहा कि, 2012 के बाद 2017 में भी कांग्रेस व भाजपा सहित सभी दलों के विधानसभा प्रत्याशियों ने संगड़ाह में ज्युडीशियल कोर्ट शुरू करवाने के चुनावी वादे किए, मगर चुनाव होते ही नेता इस वादे को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा कि, साथ लगते उपमंडल मुख्यालय शिलाई में हालांकि एसडीएम कोर्ट संगड़ाह के करीब दो साल बाद शुरू हुआ, मगर यहां वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा सिविल कोर्ट खोला जा चुका है।
अदालत संबंधी कार्यों के लिए विकास खंड संगड़ाह की 80 हजार के करीब आबादी को 60 से 100 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय नाहन के चक्कर काटने पड़ते हैं तथा एक पेशी पर जाने के लिए 2 दिन का समय लग जाता है। पूर्व सीएम द्वारा 23, सितंबर, 2015 को 6, सितंबर, 2017 को क्षेत्र के प्रवास के दौरान यहां जुडीशियल व सिविल कोर्ट खोलने का वादा किया गया था। प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा गत 11, जुलाई, 2018 को संगड़ाह विकास मंच को भेजे गए एक जवाबी पत्र में कहा गया है की, संगड़ाह में सिविल कोर्ट खोले जाने की प्रपोजल पहले ही प्रदेश सरकार को भेजी जा चुकी है, जिस पर हिमाचल सरकार द्वारा आगामी कार्यवाही की जानी है। बहरहाल गत दो विधानसभा चुनाव में हिमाचल को पहला मुख्यमंत्री देने वाले इस हल्के में मुख्य मुद्दा रही न्यायिक अदालत की मांग को चुनाव समाप्त होते ही नेता भूल जाते हैं।
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