News portals-सबकी खबर (शिमला)
पूरे प्रदेश के लिए करीब 100 इलेक्ट्रिक बसें आनी है। इसमें शिमला के लिए भी 30 बसें मिलेगी।शहर में पहले ही 50 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। नई बसों को भी सिर्फ 40 किलोमीटर के भीतर लोकल रूटों पर ही चलाया जाएगा।इसके लिए शोघी में वर्कशॉप बनेगी। इसे यूनिट बनाने की भी तैयारी चल रही है। आरएम लोकल देवासेन नेगी का कहना है कि पूरे प्रदेश के लिए इलेक्ट्रिक बस आनी है।इसमें शिमला के लिए भी दूसरे चरण में बसे मिलने हैं। टेंडर प्रोसेस पूरा होने के बाद शहर के लिए बसों की डिलीवरी मिल जाएगी।इलेक्ट्रिक बसें कमाई में आगेः बीते 19 फरवरी काे शिमला शहर में इलेक्ट्रिक बसाें का सफर शुरू हुआ था। अब जब बसाें की कमाई का आंकलन किया ताे पता लगा की वोल्वो की तरह ये बसें निगम में कमाई का जरिया बन रही है।
एक बस की कीमत 76.7 लाख है। केंद्र और प्रदेश सरकार 60 और 40 फीसदी के अनुपात में इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएगी।डीजल बस की एक दिन की कमाई 2000 , इलेक्ट्रिक की 4900 रुपएः आंकड़ाें काे देखें ताे डीजल की बसाें की एक दिन कमाई महज 1700 रुपए हैं।अगर एक बस 200 किलाेमीटर का सफर तय करती है ताे उसमें लगभग 3000 रुपए का डीजल लगता है। जबकि कमाई पांच हजार की हाेती है। सिर्फ दाे हजार रुपए की कमाई निगम की हाे पाती है। जबकि इलेक्ट्रिक बस की कमाई एक दिन की 4900 रुपए है।7 मीटर लंबाई की 31 सीटर बस: शहर में जो इलेक्ट्रिक बसी आएंगी वह 7 मीटर की लंबाई और 31 सीटर होगी। इन बसों से शोर भी नहीं होगा। प्रदूषण व शोर कम के उद्देश्य से ही शहर में यह बसें चलाई जा रही है। इनकी सीटें भी आरामदायक होंगी। जिसमें शहर के लोग व पर्यटक आरामदायक सफर तय कर सकेंगे।
दाे घंटे चार्ज, चलती हैं 100 किमीः दाे घंटे चार्ज हाेने पर इलेक्ट्रिक बस लगभग 100 किलाेमीटर तक चलती हैं।बसों से शोर भी नहीं हाेता है। यह बसें बिल्कुल धुआं रहित है। वहीं, इनकी सीटें भी आरामदायक है। एचआरटीसी की इन बसों को शिमला की सड़कों के अनुसार तैयार किया है।इस बस एक सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि यह बस छोटी है। बस शहर के तीखे मोड़ों पर आसानी से मुड़ रही है। जिससे आगे पीछे चलने वाले वाहनों को भी परेशानी नहीं हाे रही है। अधिकारियाें ने अभी तक इसका जाे फीडबैक लिया है, उसमें पता लगा कि इस बस के चलते ज्यादा जाम नहीं लग रहा है।दावा, चढ़ाई में दम नहीं ताेड़ेगीः इलेक्ट्रिक बस की खास बात है कि यह शिमला की भूगौलिक परिस्थितियों को ध्यान में रख कर खरीदी गई है। निगम का दावा है कि इसके लिए निगम ने कंपनियों के समक्ष पहले ही शर्तें तय की हुई है।
शिमला की चढ़ाई और यहां के तीखे मोड़ को देखते हुए कंपनी को इसी के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक बसों को लाने की शर्त तय गई।दावा किया जा रहा है कि यह बसें ओवरलोड की स्थिति में भी शिमला में 17 डिग्री के एंगल की चढ़ाई सुगमता से चढ़ेगी।
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