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November 23, 2024

हिंदी हमारे हंसने रोने की भाषा है हिंदी भारत के माथे की बिंदी है

News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )

विधा कला एवं सांस्कृतिक संस्था पांवटा साहिब द्वारा हिंदी दिवस के विशेष अवसर पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।संस्था के अध्यक्ष  राजेंद्र प्रसाद तिवारी के सतत् सहयोग एवं मार्गदर्शन से यह काव्य गोष्ठी आयोजित की गई ।इस राष्ट्रीय स्तर की काव्य गोष्ठी में हिमाचल के कई कवियों के साथ महाराष्ट्र, चण्डीगढ़ एवं आजमगढ़ के कवियों ने शिरकत की । प्रसिद्ध रंगकर्मी एवम् फिल्म निर्माता विवेक तिवारी के तकनीकी सहयोग से इस ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन संभव हो पाया ।

इस कविता पाठ का संचालन डॉ जयचंद शर्मा सहायक प्रोफेसर हिंदी राजकीय महाविद्यालय कफोटा ने किया ।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता एक प्रसिद्ध कवि, भाषाविद् एवं संस्कृति विभाग के पूर्व उपनिदेशक एवं सचिव  जगदीश चंद्र शर्मा ने की ।हिंदी को समर्पित इस काव्य गोष्ठी में कविता पाठ की शुरुआत एक नन्ही सी कवयित्री शिविका तिवारी की कविता ‘हिंदी हमारी शान है’ से हुई ।उसके बाद मुंबई के प्रसिद्ध कवि डॉ० जितेंद्र पांडे ने ‘आलिंगनबद्ध होना चाहती है हिंदी’ शीर्षक से कविता पढ़कर हिंदी के प्रति सभी के ध्यान को आकर्षित किया और पाठकों की चेतना को झकझोरा ।संस्था से जुड़े एक प्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार नरेंद्र रमोल ने ‘हिंदी भाषी है हम’ कविता को पढ़ा जिसे कवियों ने खूब सराहा ।

इसी बीच कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे  जगदीश चंद शर्मा ने अपने कविता संग्रह से ‘दोषी और उजला वृत्त’ कविता को पढ़कर सबका ध्यान आकर्षित किया ।कविता के माध्यम से उन्होंने बयान किया की वर्तमान समय में हिंदी के प्रति जो उदासीनता है वह राजनेताओं की देन है ।चंडीगढ़ से आमंत्रित कवि डॉ०पान सिंह ने एक खूबसूरत रचना पढ़कर अपनी दस्तक दी । नाहन शहर की वरिष्ठ कवयित्री शबनम शर्मा ने ‘हिंदी के लाल’ कविता से अपना समा बांधा ।मुंबई जैसे महानगरों की धड़कन को पहचाने वाली वरिष्ठ कवयित्री भारती श्रीवास्तव ने ‘अंबर की खिड़की से झांक कर देखा’ हिंदी कविता को पढ़कर हिंदी की वेदना और व्यथा को हम सब से सांझा किया ।हिंदी को समर्पित इस कविता पाठ में उर्जावान कवि पंकज , तरुण भाटिया और सुमन बिश्नोई ने अपनी- अपनी कविताएं पढ़कर हिंदी के प्रति अपनी कर्मठता एवं समर्पण को अभिव्यक्ति दीं ।

आजमगढ़ के युवा कवि प्रशांत मिश्रा ने ‘हिन्दी भारत माता के माथे की बिंदी है, भाषाओं की दुर्गा है चंडी है’ कविता पढ़कर हिंदी भाषा के प्रति अपने भावों को अभिव्यक्त किया ।इस अवसर पर राग और श्रृंगार रस की वरिष्ठ कवयित्री सावित्री तिवारी ‘आज़मी’ ने ‘हमारी आन है हिंदी हमारी शान है हिंदी’ कविता पढ़कर सबको मोहित किया । पांवटा शहर की युवा कवयित्री रेणु शर्मा ने भी कविता पाठ किया ।कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ०जय चंद शर्मा ने भी ‘ इस संवेदनशून्य समय में’ कविता पढ़ी । प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं फिल्म निर्माता विवेक तिवारी ने भी इस अवसर पर पांवटा साहिब के प्रसिद्ध होली मेले के संस्मरण को गद्य काव्य के रूप में प्रस्तुत किया जो काफी रोचक था जिसमें व्यंग्य की धार बहुत गहरे में थी ।

इस राष्ट्रीय स्तर की काव्य गोष्ठी में जहां अलग-अलग राज्यों के कवियों ने भाग लिया वहीं पावटा शहर के कवियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भाषा एवं संस्कृति विभाग के पूर्व सचिव एवं उपनिदेशक  जगदीश शर्मा ने अपने विचार रखे और साफ एवं स्पष्ट शब्दों में सभी के लिए एक संदेश दिया कि हिंदी लगातार आगे बढ़ रही है ,इसका भविष्य काफी उज्जवल है । इसे पढ़ने और समझने वालों की भीड़ लगातार बढ़ रही है ।हिंदी हमारे हंसने और रोने की भाषा है, हिंदी हमारी संस्कृति , हिंदी हमारे संस्कारों से जुड़ी भाषा है और इसके बना राष्ट्र अधूरा है ।बहुत जल्दी यह भाषा समूचे राष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में अपना परचम फहराएगी ।

उन्होंने विधा कला एवं संस्था द्वारा आयोजित इस काव्य गोष्ठी की सराहना की ।अंत मैं संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी जी ने संस्था की तरफ से अध्यक्ष महोदय का और इस कविता पाठ से जुड़े तमाम कवियों का धन्यवाद किया और हिंदी के प्रति सभी के समर्पण की सराहना की और कहा की हिंदी भारत की मज़बूती का आधार है ।हिंदी भारत की एकता है ,इसकी आन बान और शान है ।इस तरह से हिंदी दिवस को समर्पित यह काव्य गोष्ठी संपन्न हुई ।

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