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हिमाचल प्रदेश की नई पंचायतों की वार्ड बंदी और वोटर लिस्ट बनाने को 75 दिन का समय दिया गया है। नई पंचायतों की अंतिम अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह अवधि गिनी जाएगी। राज्य में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव के लिए 56.49 लाख वोटर वोट देंगे। वोटरों लिस्टों के फाइनल होने के बाद वोटरों की सही संख्या सामने आएगी। हिमाचल चुनाव आयोग के चुनाव अधिकारी संजीव महाजन कहते हैं कि प्रदेश में स्थानीय निकासों में वोट देने वाले वोटर इस बार भी पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव में वोट नहीं दे पाएंगे।
अगर कोई पंचायत चुनाव में वोट देना चाहता है तो उसका नाम सिर्फ पंचायतों की वोटर लिस्ट में ही रहेगा। उनका कहना है कि पिछले पंचायतीराज चुनाव में कुल 52,88700 वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस बार कुल 3,61000 नए वोटर सूचियों में जुड़े हैं। इस बार कुल 56,49,700 वोटरों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल हैं। महाजन के अनुसार नई पंचायतों की वोटर लिस्ट तैयार करने के लिए 45 दिन का समय जरूरी है।
10 दिन का समय वोटर के संबंध में आपत्ति दर्ज कराने को देंगे। 7 दिन का समय इन आपत्तियों के निपटारे को मिलेंगे। सात दिन के भीतर वोटर लिस्टों का प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसके बाद सात दिन में वोटर लिस्टों को फाइनल करके आयोग के पास भेजना होगा। आयोग इन वोटर लिस्टों के सेट तैयार कर संबंधित जिलों को 15 दिन के भीतर भेज देगा।
नई पंचायतों की अंतिम अधिसूचना जारी होने की तारीख से तीस दिन का समय दिया गया है। सात दिन का समय नई पंचायतों की वार्ड बंदी करनी होगी। सात दिन के भीतर पंचायत के सदस्य आपत्ति दे सकेंगे। सात दिन अधिसूचना जारी करनी होगी। दस दिन के भीतर अपीलें और इनका निपटारा करना होगा।
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