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प्रधानमंत्री आवास के तहत हुए थे 1 लाख 30 हजार की हुई थी जारी राशि
कई मर्तबा एसा हुआ है जब भ्रष्टाचार के दाव मे विभागीय अधिकारी, कर्मचारी खुद फंसे नजर आते है तथा असलियत को दबाने के लिये लीपापोथी करते नजर आते है। मामला विकास खण्ड की लौजा-मानल पंचायत मे सामने आया है, पंचायत के अंदर कुष्ट रोगी को स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास की जाचं करने पहुची टीम के हाथपावँ फुल गए है जांच टीम के सामने कई सवाल खड़े हो गए है। आवास मे लगभग 1लाख 30 हजार खर्च किये गए है लेकिन मौका पर न भवन की रिपेयर हुई न भवन बना है।
भवन बनाने के लिये 8 मई 2017, 12 मार्च 2018 व 7 अप्रेल 2018 को तीन किश्तों मे अदायगी की है। आखिरी किस्त की अदायगी होने के बाद कुष्ट रोगी माझू राम का देहांत हो गया, भवन न बनने के कारण बीते वर्षो मे लोगो ने स्थानिय प्रशासन सहित जिलाधीश को शिकायते की है जिसमे जाचं करने विकास अधिकारी व एसडीएम मौका पर पहुचे है जहां पाया गया कि मौका पर न भवन बना, न किसी भवन की मुर्मत हुई है और कागजो पर सारी धनराशि खर्च की गई है!
आश्चार्य इस बात का है कि इससे पहले 17 जनवरी 2020 को मौका पर जाचं करने पहुची टीम ने विभागीय अधिकारीयों सहित जिला कार्यालय को झुटी रिपोर्ट प्रस्तूत की है रिपोर्ट मे मौका के विपरित तथ्य बताए गए गए है रिपोर्ट ईस तरह पेश की गई है जेसे जाचं करने पहुची टीम को माझू राम के मरने की पहले ही जानकारी हो, प्रेषित की गई रिपोर्ट मे लिखा गया है कि माझू राम की एसी स्थिति नही है कि वह नए मकान मे अपना जीवन व्यतीत कर सकें इसलिये पुराने भवन को अंदर से रिपेयर करवाया गया है नए भवन का निर्माण नही करवाया गया है माझू राम के खाते मे आखिरी अदायगी कर दी गई है भ्रष्टाचार के ठोस सबूत नही है इसलिये कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप निराधार है।
सरकारी नियमानुसार किसी भी विकास्तम कार्य की अदायगी मौका पर हुए कायों की एम्बी अनुसार दी जाती है लेकिन माझू राम के भवन की एम्बी का हवाला नही दिया गया है न ही एम्बी की डिटेल जाचं रिपोर्ट मे पाई गई है अब जिला प्रशासन जाचं कर चुकी टीम सहित तकनिकी, कनिष्ट अभियंता व सहायक अभियंता पर कार्यवाही करती है या भ्रष्ट तन्त्र के दबाव मे आकर मामले को रफाद्फा करती है यह आगामी जाचं मे सामने आएगा।
माझू राम के भाई खुलिया राम ने बताया कि माझू राम के खाते से 65 हजार रुपये निकलवाए गए है जिसमे से 30 हजार रुपये भवन बनाने वाले ठेकेदार को दिये है बाकी 35 हजार रुपये तकनिकी व कनिष्ट अभियंता ने पंचायत के साथ मिलकर कहां डाले है उन्हे नही मालुम है भवन की रिपेयर तो दुर कोई कर्मचारी बिमार आदमी की हालात पूछने तक नही पहुचा है माझू राम व उनका भाई दोनो ही कुष्टरोगी है माझू राम के देहांत के बाद उन्हे भवन के अतिरिक्त पेसे नही मिले है जबकी वह माझू राम के उतराधिकारी है।
विकास खण्ड अधिकारी कवर तन्मय ने बताया कि उन्होने एसडीएम शिलाई हर्ष अमृंदर नेगी के साथ माझू राम के भवन का निरिक्षण किया है भवन की न रिपेयर हुई है न ही भवन बनाया गया है माझू राम के खाते मे कुछ राशि है जिसका भवन बनाया जाएगा, मामले मे जाचं जारी है दोषियों के विरूध विभागीय कार्यवाही की जाएगी।
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