पुराने डिग्री धारकों को वर्ष 2030 के बाद नहीं मिलेगी शिक्षक की नौकरी
दसवीं और जमा दो कक्षा के विद्यार्थियों को अंकों में सुधार लाने के लिए दूसरी बार परीक्षा देने का मिलेगा मौका
News portals-सबकी खबर (शिमला )
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बीएड को चार साल का कर दिया है। पुराने डिग्री धारकों को वर्ष 2030 के बाद शिक्षक की नौकरी नहीं मिलेगी। नई नीति में स्पष्ट किया गया है कि चार वर्ष की बीएड करने वालों को ही नौकरी के लिए पात्र माना जाएगा। इसके लिए जल्द ही प्रदेश के कॉलेजों में फर्स्ट ईयर से ही एजूकेशन विषय को पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा।तीन साल तक कॉलेज और एक वर्ष की बाद में एजूकेशन विषय की पढ़ाई करने वालों को ही बीएड की डिग्री मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इस प्रावधान को लागू करने के लिए जल्द ही प्रदेश में बीएड और डीएलएड का पाठ्यक्रम भी बदला जाएगा।
टेट पास करना भी अनिवार्य कर दिया गया है। अभी जेबीटी, टीजीटी और शास्त्री के पदों के लिए ही टेट अनिवार्य है। आने वाले समय में स्कूल प्रवक्ता के लिए भी टेट पास करना जरूरी हो जाएगा। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मिड डे मील को तीन वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए भी शुरू किया जाएगा।प्री प्राइमरी शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी वर्करों और शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। तीसरी, पांचवीं, आठवीं कक्षा की परीक्षाएं ली जाएंगी। हालांकि इन कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। इससे पहले आठवीं कक्षा तक परीक्षाएं नहीं करवाई जाती थी। दसवीं और जमा दो कक्षा की बोर्ड परीक्षा होंगी। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंकों में सुधार लाने के लिए दूसरी बार परीक्षा देने का मौका भी मिलेगा।
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