Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 23, 2024

जातीय तथा अन्य प्रमाण पत्र बनाने के सात गुना रेट बढ़ाए जाने से क्षेत्र के युवाओं में सरकार तथा प्रशासन के प्रति कड़ा रोष

News portals-सबकी खबर (शिलाई )

हिमाचली, जातीय तथा अन्य प्रमाण पत्र बनाने के सात गुना रेट बढ़ाए जाने से क्षेत्र के युवाओं में सरकार तथा प्रशासन के प्रति कड़ा रोष व्याप्त है। कोरोना काल में आर्थिक मंदी के चलते सात गुना रेट बढ़ जाने से मंदी के इस दौर में गरीब जनता की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है। पहले यह प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय में बनाए जाते थे लेकिन करोना काल के बाद उपायुक्त सिरमौर के आदेश के बाद इस पोर्टल को सार्वजनिक कर दिया गया है। तहसील में भीड़ न होने की वजह से अब लोक मित्र केंद्र, सीएससी तथा साइबर कैफे द्वारा बनाए जा रहे हैं। इन निजी संस्थानों द्वारा अभ्यर्थी का रिकॉर्ड व आवेदन फॉर्म अपडेट किया जाता है ।

इसे क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट इसे अप्रूव कर लोक मित्र केंद्र व अन्य संस्थान इसे डाउनलोड कर ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं जिसकी कीमत 40 से 70 तक वसूल की जा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि जब तहसील से प्रमाण पत्र बनाया जाता था तो प्रति प्रमाण पत्र  की 10 फीस ली जाती थी लेकिन अब निजी संस्थानों से बनाए जा रहे प्रमाण पत्र की कीमत 40 से 70 वसूली जा रही है, उपमंडल शिलाई के युवा रमेश, रणवीर, नितेश, सीमा कुमारी, पारुल शर्मा, पुनीता वर्मा तहसील कमरोंउ के युवा ब्रह्मदत्त शर्मा, गीता राम, दीपेश ठाकुर, पिंकी शर्मा, दिव्या, प्रियांशी सहित युवाओं का कहना है कि पहले प्रमाण पत्र तहसील में बनते थे लेकिन कोरोना काल के बाद अब इन्हें निजी हाथों में दे दिया गया है जहां 40 से 70 तक वसूल किए जा रहे हैं उसके बावजूद लोगों को कई कई मर्तबा चक्कर काटने पड़ रहे हैं। क्षेत्र के युवाओं ने प्रशासन व सरकार से मांग की है कि प्रमाण पत्रों को पुणे तहसील में बनवाया जाए या निजी संस्थानों को प्रमाण पत्र बनाने की मूल्यों की सूची जारी की जाए ताकि अतिरिक्त राशि न वसूली जा सके।

उधर इस संबंध में एसडीएम शिलाई हर्ष हरविंदर सिंह ने बताया कि करुणा काल के दौरान उपायुक्त सिरमौर के आदेश के बावजूद इन प्रमाण पत्रों को बनाने के लिए निजी संस्थानों को अनुमति दी गई है, इससे पूर्व तहसील में प्रमाण पत्र बनाने के लिए मात्र दस प्रति प्रमाण पत्र लिए जाते थे लेकिन उनके पास अभी तक कोई शिकायत नहीं मिली है यदि उन्हें कोई शिकायत मिलती है तो वह है उच्च अधिकारियों को से विचार-विमर्श कर ज्यादा पैसा वसूलने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे। नायब तहसीलदार कम रउ निहाल सिंह चौधरी ने बताया कि तहसील कम रउ में यह प्रमाण पत्र ऑनलाइन तथा तहसील में भी बनाए जा रहे हैं तहसील में प्रति प्रमाण पत्र दस लिए जा रहे हैं निजी संस्थान कितनी राशि वसूल कर रहा है उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है।

Read Previous

पांवटा साहिब में राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मनाया पोषण माह

Read Next

शुक्रवार को ऊना जिला की दो कोरोना पॉजिटिव महिलाएं मां बनीं

error: Content is protected !!