फ़ालतू कपड़े की कतरनों से बनाते हैं फेस-कवर
News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
अंतरराष्ट्रीय महामारी कोरोना के संकट के दौरान पिछले छः माह में एक ओर जहां मास्क व सेनेटाइजर का कारोबार करने वाले कुछ लोगों ने मोटी कमाई की, वहीं इस दौरान कुछ लोग मानव सेवा में भी लगे हुए हैं। कोरोनाकाल में जनसेवा में लगे लोगों में से एक एसके टेलर भी है, जिन्होंने अपना व्यक्तिगत लाभ न देखते हुए इस दौरान जरूरतमंदों को निशुल्क मास्क वितरित किए।
उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में दर्जी की छोटी सी दुकान चलाने वाले एसके टेलर द्वारा विगत मार्च माह से अब तक 9000 मास्क वितरित कर चुके हैं। इस बीच वह लगातार पारिवारिक परेशानियों से भी जूझ रहे हैं। उक्त जनसेवा के लिए अब तक इन्हें एकल अभियान की स्थानीय शाखा, समाजसेवी नारायण सिंह तथा प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति निगम के पूर्व उपाध्यक्ष बलवीर चौहान आदि द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका। इससे पूर्व गत 26 जनवरी को जिला सिरमौर प्रशासन द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान में भागीदारी अथवा लोगों को निशुल्क कपड़े के बैग वितरित करने के लिए उक्त टेलर को सम्मानित किया जा चुका है।
सुरेश कुमार उर्फ एसके टेलर द्वारा राष्ट्रीय लॉक डाउन लागू होने से पहले ही गत 14 मार्च से मास्क अथवा फेस कवर बनाना शुरू किए गए थे। सिलाई के दौरान बचने वाले फालतू कपड़े की कतरनों से वह मास्क बनाते हैं। एसके टेलर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील से प्रभावित होकर वह अब तक 9000 के करीब मास्क बनाकर निशुल्क बांट चुके हैं। बाजार में सामान लेने आने वाले लोग हर रोज़ उनके पास निशुल्क मास्क अथवा फेस कवर लेने आते हैं।
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