कोई दूसरा नहीं ले पायेगा राशन
News portals-सबकी खबर (शिमला)
हिमाचल प्रदेश के सरकारी राशन डिपुओं में अब सरकार आईरिस स्कैनर मशीनें लगाने की तैयारी में है।राशन कार्डधारक को ही उसका राशन मिले, यह तय करने के लिए जरूरी है कि इलेक्ट्रिक विधि से काम चलाया जाए। राशन डिपुओं में ये मशीनें लगाए जाने के बाद जिस व्यक्ति के नाम पर राशनकार्ड बना है, उसकी आंखें स्कैन की जाएंगी।फिर वही व्यक्ति राशन लेने के लिए डिपो में आ सकेगा। हालांकि इससे दिक्कत यह हो सकती है कि परिवार का कोई दूसरा सदस्य राशन ले पाएगा |
इन मशीनों में उपभोक्ता की आंखें स्कैन होंगी | जिससे उसका पूरा ब्यौरा मिल जाएगा और इसके बाद उसे राशन मिल सकेगा। खाद्य आपूर्ति विभाग यह नया परीक्षण करने जा रहा है |जिसके लिए उसने एक कंपनी से बात की है। इस कंपनी ने डेमो भी दिखाया है, जिस पर अभी फैसला लिया जाएगा। क्योंकि कोविड काल है और इसमें डिपुओं पर लगी पॉस मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसका इस्तेमाल बंद किया गया है, क्योंकि-एक दूसरे की अंगुली इसमें लगानी पड़ती है। कोविड के चलते कहीं संक्रमण न फैल जाए, इसलिए ये मशीनें बंद की गई हैं।
सरकारी दफ्तरों में भी बायोमीट्रिक मशीनें पूरी तरह बंद रखी गई हैं, जिनमें हाजिरी पूरी तरह बंद है। मैनुअल हाजिरी इनमें लगाई जा रही है। इसी तरह राशन के डिपुओं में भी मशीनें बंद की गई हैं और राशन कार्ड का नंबर देकर राशन दिया जाता है। अब आईरिस स्कैनर लगाकर लोगों को राशन दिया जाएगा। यह परीक्षण सफल रहता है, तो जल्दी ही डिपुओं में ये नई मशीनें लगा दी जाएंगी।
इस मामले को सरकार को भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। इस पर कितना बजट खर्च होगा, इसका आकलन करने के बाद सरकार से वित्तीय मामला उठाया जाएगा। जल्दी ही इस पर निर्णय होगा, क्योंकि राशन डिपुओं पर मैनुअल एंट्री से बात नहीं बन पा रही है।
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