News portals-सबकी खबर (शिलाई)
प्रदेश सरकार पहले ही अरबों रुपये कर्जे तले डूबी है लेकिन सरकार के अधिकारी सरकारी धन के दुरुपयोग पर खुब जौर दे रहे है। मामला विकास खण्ड कार्यालय का है जंहां पर साहब की सरकारी गाडी आवास मे खडी है और साहब टेक्सी लेकर फील्ड मे घूमते नजर आते है तथा हजारो रुपये महिने का किराया सरकारी खजाने से देते है। विकास खण्ड कार्यालय शिलाई को वर्ष 1997 मे जिला उपायुक्त के नाम से गाडी नम्बर एचपी18 – 0354 मिली थी जिसमे वर्ष 2006 मे तकनिकी खराबी आई और गाडी खडी कर दी गई, खण्ड कार्यालय गाड़ी को ठीक करवाने की तारीक नही निकाल पाया है और गाडी खड़े-खड़े खत्म हो गई है! वर्ष 2012 मे गाड़ी के चलने की निर्धारित समय सीमा खत्म हो गई है! कार्यालय के लिये 5 मई 2009 को नई गाडी नम्बर एचपी 46ए – 0200 सरकार ने दी है लेकिन मात्र 5 साल चलने के बाद वर्ष 2014 मे यह गाडी भी खडी हो गई है
जबकी गाडी 2024 तक पास है इस बीच कई एचएएस व आईएएस अधिकारी कार्यालय मे आए और गए, लेकिन फील्ड मे जाने के लिये सरकारी गाडी को ठीक करवाने की जहमद किसी ने नही उठाई, न ही गाड़ी की नीलामी करवाई गई है साहब अपनी गाडी ठीक करवाने की जगह टेक्सी लेकर फील्ड घूमते है और निरंतर सरकारी धन का दुरुपयोग जारी है! खण्ड कार्यालय शिलाई मे वर्ष 2014 से टेक्सी का चलन जारी है पिछ्ले दो वर्षो से टेक्सी की 24 घंटे सेवाए ली जा रही है वर्तमान मै टेक्सी के लिये 36 हजार प्रति 1500 किलोमीटर दिये जा रहे है 1500 किलोमीटर के बाद 20 रुपये प्रति किलोमीटर अतिरिक्त दिये जाते है!
आश्चर्य इस बात है हो रहा है कि कर्ज तले दबी प्रदेश सरकार सेकडों रुपये की तकनिकी खराबी गाड़ियों मे सही नही करवा पाई, लेकिन टेक्सी वाले को लाखों रुपये दे गई है, हर माह टेक्सी को 36 हजार देने से लगभग 4 लाख 32 हजार रुपये की देनदारी एक वर्ष मे बनती है जबकी इसी हिसाब से पिछ्ले 6 सालों मे लगभग 25 लाख 92 हजार टेक्सी के दिये गए है इतने रुपयों मे कार्यालय आधा दर्जन से अधिक गाडियाँ खरीद सकता था, लेकिन अधिकारियों की अनदेखी व मनमर्जी सीधा सरकार के कोश मे डाका ड़ाल रही है।
विकास खण्ड कार्यालय मे समाजिक, शिक्षा एवं खण्ड परियोजना अधिकारी रवि जोशी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि कार्यालय से कई बार उच्चाधिकारियों व जिला अधिकारियों को लिखा गया है कि खडी गाड़ियों की नीलामी करवाई जाए तथा कार्यालय के लिये नई गाडी का प्रावधान करवाया जाए, लेकिन न नीलामी के आदेश आते है न ही ठीक करवाने के लिये पेसा आता है खण्ड कार्यालय के पास किराये की टेक्सी का प्रावधान करवाया गया है।
Recent Comments