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पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने आज 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्रबंधनाधीन संसाधन (एयूएम) होने की घोषणा की। 12 साल की अवधि में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के ग्राहकों के योगदान से इस ऐतिहासिक आंकड़े तक पहुंच कायम हुई।एनपीएस ग्राहकों की वृद्धि भी पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय रही है, जिसमें सरकारी क्षेत्र से 70.40 लाख कर्मचारी और गैर-सरकारी क्षेत्र से 24.24 लाख कर्मचारी इस योजना में शामिल हुए हैं।नियामक पीएफआरडीए ने ग्राहक पंजीकरण, एग्जिट प्रोसेस और सेवा संबंधी अनुरोध को सहज और ग्राहकों के अनुकूल बनाने के अपने प्रयास में, केवाईसी सत्यापन, ई-नामांकन, एनपीएस ग्राहकों के लिए ई-एग्जिट आदि के बाद थर्ड पार्टी ऑनबोर्डिंग ओटीपी/ई-साइनिंग ऑनबोर्डिंग, ऑफलाइन आधार-समर्थित ऑनबोर्डिंग जैसे ग्राहक ऑथेंटिकेशन के नए तरीकों को नियमित रूप से पेश कर रहा है।
पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा कि 5 लाख करोड़ रुपये एयूएम प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है, जो दर्शाती है कि ग्राहकों का पीएफआरडीए और एनएसपी में विश्वास है। हमने कुशल प्रणालियों और पेशेवर फंड मैनेजरों के साथ एक मजबूत और अद्वितीय आर्किटेक्चर को सक्षम बनाया है, जो हमारे ग्राहक को रिटायरमेंट कॉरपस जमा करने में सक्षम बनाता है। इस महामारी के दौरान, दोनों कंपनियों और व्यक्तियों का भरोसा बढ़ा है कि रिटायरमेंट प्लानिंग केवल बचत या कर लाभ का विकल्प नहीं है, जो इस चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान एनपीएस नामांकन में लगभग 14 प्रतिशत वृद्धि द्वारा प्रमाणित है।
पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) संसद की एक अधिनियम द्वारा स्थापित, वैधानिक प्राधिकरण है, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनएसपी) की क्रमिक वृद्धि को विनियमित करने, बढ़ावा देने और सुनिश्चित करने के लिए और पेंशन योजनाएं, जिन पर यह अधिनियम लागू होता है। एनपीएस को शुरू में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पहली जनवरी 2004 से लागू किया गया था और बाद में लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था। एनपीएस को स्वैच्छिक आधार पर सभी भारतीय नागरिकों (निवासी/अनिवासी/विदेशी) और कंपनियों के लिए अपने कर्मचारियों तक बढ़ाया गया था।
10 अक्टूबर, 2020 तक एनपीएस और अटल पेंशन योजना के तहत ग्राहकों की कुल संख्या 3.76 करोड़ से अधिक और प्रबंधनाधीन संसाधन (एयूएम) बढ़कर 5,05,424 करोड़ रुपये हो गया है।
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