News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल में पंचायती राज चुनाव के लिए मतपत्र छापने को सरकार के पास कागज ही नहीं है। चुनाव आयोग ने सामग्री छापने के लिए 30 नवंबर का समय दिया है। दिक्कत यह है कि प्रदेश प्रिंटिंग प्रेस के पास मतपत्रों को छापने के लिए कागज ही उपलब्ध नहीं है। अब प्रदेश सरकार ने लखनऊ की एक फर्म को कागज का ऑर्डर दिया है। सरकार की प्रिंटिंग प्रेस में करीब पौने तीन करोड़ मतपत्रों को प्रकाशित किया जाना है। मतपत्र को पांच रंगों के कागज में छापा जाता है।
मतपत्र के कागज की मोटाई 60 जीएसएम की रहती है। इसके लिए एक विशेष कागज की जरूरत रहती है। फिलहाल, राज्य सरकार की प्रिंटिंग प्रेस के पास यह कागज नहीं है। चुनाव में सुरक्षा को लेकर सरकार इन मतपत्रों को छापने का काम स्वयं करती है और सरकार की प्रिंटिंग प्रेस में ही छापे जाते हैं। कागज की कमी को लेकर सरकार ने लखनऊ की एक फर्म को ऑर्डर दिया है। वहां से जल्द ही कागज की सप्लाई होने की उम्मीद है। इधर, वोटर लिस्टों के प्रकाशन का काम सरकार ने चंडीगढ़ की एक फर्म को दिया है। करीब 25 लाख वोटर लिस्टों का प्रकाशन होना है।
आयोग के चुनाव अधिकारी संजीव महाजन ने कहा कि चुनाव सामग्री की छपाई का काम 30 नवंबर तक पूरा करने को कहा गया है। राज्य सरकार की प्रेस में मतपत्रों को छपाया जाता रहा है, अन्य सामग्री भी प्रेस के माध्यम आउटसोर्स कर छापी जा रही है।
प्रदेश प्रिंटिंग प्रेस की नियंत्रक रीमा कश्यप ने बताया कि कोई भी फर्म ज्यादा मात्रा में पहले कागज तैयार नहीं करती है। कागज उपलब्ध कराने के लिए निविदाएं आमंत्रित करनी होती हैं। पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद कागज का ऑर्डर दिया है। फर्म कागज की आपूर्ति कर रही है। चुनाव सामग्री की छपाई का काम समय पर पूरा किया जाएगा।
Recent Comments