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November 24, 2024

अब निजी स्कूल मनमाने तरीके से नहीं बड़ा सकते फीस

1997 के एक्ट में बदलाव करेगी सरकार ,निजी स्कूलों की फीस पर रहेगा  नियंत्रित

News portals-सबकी खबर  (शिमला)

सरकार ने निजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने को 1997 के एक्ट में बदलाव करने का फैसला लिया है। एसएमसी या किसी अन्य कमेटी को फीस निर्धारण में शामिल करने की योजना है।वर्तमान एक्ट में निजी स्कूलों की फीस तय करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है।

इसका फायदा उठाकर कई निजी स्कूल हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं। निजी स्कूलों पर सरकार का भी सीधा नियंत्रण न होने से बीते कई वर्षों से चली आ रही समस्या अब लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में निजी शिक्षण संस्थान (नियामक) एक्ट 1997 लागू है। इसमें फीस तय करने का प्रावधान नहीं है।

एक्ट में बदलाव के बाद निजी स्कूलों को फीस व फंड सहित शिक्षकों का ब्योरा सरकार को देना होगा।हालांकि, फीस स्कूल स्वयं तय करेंगे, लेकिन इस पर नियंत्रण के लिए सरकार कोई फार्मूला तैयार करेगी। निजी स्कूलों को निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के दायरे में भी लाया जा सकता है। वर्तमान एक्ट में निजी स्कूलों को आयोग के दायरे में नहीं लाया जा सकता है।

कई निजी स्कूलों की मनमाने तरीके से फीस वसूलने और सरकार के आदेशों की अवहेलना करने की शिकायतें बढ़ने पर शिक्षा विभाग को एक्ट में बदलाव करने के लिए प्रस्ताव बनाने को कहा है।अभी आयोग के दायरे में प्रदेश के सभी निजी कॉलेज और विवि आते हैं। इन शिक्षण संस्थानों की फीस तय करने से लेकर इनके पाठ्यक्रम को आयोग ही हर साल मंजूरी देता है। निजी संस्थानों के स्टाफ की समस्याओं को भी आयोग की अदालत में सुना जाता है। प्रदेश की सत्ता पर काबिज होते ही जयराम सरकार ने इसकी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक मामला सिरे नहीं चढ़ा है। लॉकडाउन में यह समस्या और बढ़ गई है।

 

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