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पूरे विश्व मे तबाही का सबब बन चुके कोरोना वायरस की दवा का सभी को बेसब्री से इंतजार है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो अगले वर्ष जनवरी माह मे लोगों तक कोरोना वायरस को खत्म करने वाली वैक्सीन पंहुच सकती है। भारत में शोध मे आगे चल रही कंपनी की तरफ से कोरोना वैक्सीन पर अच्छी खबर सामने आई है।
देश में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का ट्रायल कर रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे फेज़ के ट्रायल की बड़ी चुनौती पार कर ली है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और आईसीएमआर ने एलान किया है कि भारत में कोविशील्ड (COVISHIELD) के लिए क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण का एनरोलमेंट यानी पंजीकरण हो गया है। ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड नाम से बना रही है। देश में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की निगरानी में इसका ट्रायल
चल रहा है। कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला ने पिछले हफ्ते कहा था कि उन्हे उम्मीद है कि एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में लॉन्च हो सकती है। उन्होंने कहा था कि अगर ट्रायल सफल होते हैं और नियामक संस्था से अप्रूवल मिल जाता है तो जनवरी 2021 में वैक्सीन मार्केट मे आ सकती है। सीरम इंडिया ने कहा है
कि भारत में कोविशील्ड के ट्रायल में अब तक सुरक्षा संबंधी कोई परेशानी नहीं आई है। गोर हो कि देश में फेज 2/3 ट्रायल के तहत हजारों लोगों को कोविशील्ड टीका लगाया जा चुका है। हालांकि कंपनी के सीईओ अदार पूनावाला के मुताबिक, वैक्सीन के लॉन्ग-टर्म इफेक्ट्स का पता लगने में दो से तीन साल भी लग सकते हैं। कोविशील्ड वैक्सीन कितने में मिलेगी, इसको लेकर सरकार से उनकी बातचीत चल रही
है। अदार पूनावाला ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वैक्सीन किफायती दरों पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा, “हम निश्चिंत हैं कि यह वैक्सीन किफायती होगी और सबकी पहुंच में होगी।” उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत अन्य वैक्सीन की तुलना में कम हो सकती है। बहरहाल, यदि सब ठीक रहा तो देश को जनवरी 2021 तक कोरोना की वैक्सीन मिल सकती है।
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