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जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में उगाए जाने वाले बेमौसमी मटर के दाम महज 5 दिनों में 125 से घटकर 25 रुपए किलो तक पहुंचने से किसान मायूस है। इन दिनों मटर की नगदी फसल का तुड़ान अंतिम चरण में है। स्थानीय मंडियों में 5 दिन पहले तक जहां हरी मटर के दाम औसतन 125 रूपए प्रति किलो तक बिक रही थी, वहीं अब इसका दाम महज 20 से 25 रूपए किलो तक पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण अब पंजाब के बाजारों में मटर थोक में पंहुचना तथा गत सप्ताह हुई बर्फबारी से विकास खंड संगड़ाह व राजगढ़ के ऊपरी हिस्सों में उगाई जाने वाली मटर में दाग लगना बताया जा रहा है।
पाला जमने अथवा शून्य से कम तापमान में मटर की क्वालिटी घट गई है। बता दे कि, जिन किसानों ने फसल देरी से लगाई है वह किसान आजकल मटर का तुड़ान कर रहे। मार्किट में कम भाव मिलने से किसानों को मायूसी हाथ लग रही है। करीब 50 फीसदी किसानों की मटर की फसल अब तैयार हो रही है। किसानों को कम भाव मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिन किसानों की फसल जल्द तैयार हुई उन किसानों को काफी अच्छे भाव मिलने से फायदा हुआ है।
गौरतलब है कि, इस वर्ष मौसम अनुकूल रहने से मटर का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। इस वर्ष क्षेत्र में बंफर फसल हुई है, मगर इस सप्ताह अचानक भाव कम मिलने के चलते किसानों को चिंता सताने लगी है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मटर की नगदी फसल वर्ष की अंतिम फसल होती है इस फसल से मिलने वाली आमदनी से लोग अगली फसल तक अपने घर का खर्चा चलाते है। इस लिए इस फसल के अच्छे भाव व उत्पादन होना काफी मायने रखता है। उधर अब मटर के भाव गिरने से व फेस्टिवल सीजन खत्म होने के बाद बाजारों में भी रौनक खत्म हो गई है। अब न बाजार में लोगों की खरीददारी में कमी देखी जा रही है।
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