News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिम सुरक्षा अभियान का शुभारंभ मंगलवार को कर दिया गया। अभियान के तहत प्रदेश में घर-घर जाकर टीबी, कुष्ठ, मधुमेह, रक्तचाप आदि जैसी बीमारियों के लक्षणों के बारे में सूचना एकत्रित की जाएगी। यह अभियान 25 नवंबर से 27 दिसंबर प्रदेशभर में तक चलाया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस अभियान में स्वास्थ्य, आयुर्वेद, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज विभाग, जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को शामिल कर लगभग 8000 टीमें होंगी, जो लोगों के स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में घर-घर जाकर सूचना एकत्रित करना सुनिश्चित करेंगी। अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश के लोगों से बीमारियों और स्वास्थ्य मापदंडों के बारे में उचित जानकारी प्रदान कर स्वास्थ्य कर्मियों को सहयोग देने का आग्रह किया।
अभियान के तहत न केवल लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों को खोजा जाएगा, बल्कि अन्य बीमारियों से ग्रस्त रोगियों को भी सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जागरुकता पोस्टर का भी विमोचन किया। स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सहजल ने लोगों से इस अभियान को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने इस अभियान की मुख्य विशेषताओं से अवगत करवाया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान के प्रबंध निदेशक डा. निपुण जिंदल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डा. रवि शर्मा, स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक बीबी कटोच भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
संक्रमण रोकने को लिया फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिमला, मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में 24 नवंबर से 15 दिसंबर तक रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक कफ्यू लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सामाजिक कार्यक्रमों जैसे विवाह आदि में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने से रोकने के लिए लिया गया है। सामाजिक स्थानों में फेस मास्क न पहनने पर 1000 रुपए जुर्माना किया जाएगा। यह सभी निर्णय इस संक्रमण पर अंकुश लगाने को लिए गए है।
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