ऊर्जा मंत्री ने स्वीकारा बिजली मीटर की सिक्योरिटी राशि काफी अधिक बढ़ा दी
News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल में नए बिजली मीटर की सिक्योरिटी राशि कम करने के लिए बिजली बोर्ड ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी की तल्खी के बाद बिजली बोर्ड ने हाईकोर्ट से नई दरों के आदेश पर स्टे मांगा है। 27 नवंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। सूबे में बीते माह नए बिजली कनेक्शन के सिक्योरिटी रेट कई गुना बढ़ा दिए गए हैं।
चौतरफा विरोध के बाद बैकफुट में आई प्रदेश सरकार ने अब पुरानी दरें ही लागू करने का फैसला लिया है। बद्दी के एक उद्योग से रिकवरी नहीं होने के मामले में बिजली बोर्ड ने जल्दबाजी में एडवांस कंज्यूमर डिपाजिट (सिक्योरिटी राशि) को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। बिजली बोर्ड को बद्दी का एक उद्योग प्रबंधक चूना लगाकर चला गया था। इसकी रिकवरी के लिए मामला कोर्ट में पहुंचा था।
कोर्ट की ओर से टिप्पणी की गई कि बिजली मीटर के लिए तय सिक्योरिटी काफी कम है। जब कोई उद्योग प्रबंधक चला जाता है तो उसकी सिक्योरिटी से रिकवरी करना मुश्किल है। कोर्ट ने सरकार को इस बाबत नीति बनाने को कहा था। इसके चलते बोर्ड ने नए मीटर कनेक्शन पर दाम कई गुना बढ़ा दिए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार किया कि राशि को काफी अधिक बढ़ा दिया गया है। ऊर्जा मंत्री के निर्देशों पर ही बिजली बोर्ड प्रबंधन ने इसको लेकर कोर्ट में स्टे याचिका दायर कर दी है। नए मीटर के अधिक दाम का बोझ जनता पर न पड़े, इसके लिए पुरानी नीति ही बहाल की जाएगी। जो उपभोक्ता पैसे नहीं चुका रहे हैं, उनके लिए विचार विमर्श करके अलग नीति बनाई जाएगी।
360 की जगह चुकाने पड़ रहे 1158 रुपये
बिजली बोर्ड ने घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों पर एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट में भारी बढ़ोतरी कर दी है। घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए 360 रुपये प्रति किलोवॉट की जगह उपभोक्ताओं को 1158 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों के कनेक्शन प्रति केवीए एक हजार रुपये से बढ़ाकर 4882 रुपये हो गया है। लघु एवं सूक्ष्म उद्योग, स्ट्रीट लाइट, वाटर पंप और अस्थायी मीटरों की राशि में भी बढ़ोतरी हुई है।
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