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April 15, 2025

प्रदेश सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा के स्कूलों को हालात ठीक नहीं होने तक बंद रखने का फैसला लिया

News portals-सबकी खबर (शिमला )

हिमाचल में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने पहली से आठवीं कक्षा के स्कूलों को हालात ठीक नहीं होने तक बंद रखने का फैसला लिया है। 23 नवंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के फैसलों के बुधवार को लिखित निर्देश जारी करते हुए शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि पहली से आठवीं कक्षा के शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन स्कूलों को कोरोना संक्रमण के कम होने पर ही खोलने का फैसला लिया जाएगा।

स्कूल बंद रहने तक इन कक्षाओं की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षा सचिव की ओर से उच्च और प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों को जारी लिखित निर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों में नौवीं से बारहवीं और कॉलेजों में 31 दिसंबर तक विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी। इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई ही जारी रहेगी। शिक्षकों को प्रिंसिपलों की ओर से जरूरत के हिसाब से बुलाया जा सकेगा।
इसके अलावा हिमाचल में सर्दियों की छुट्टियों वाले स्कूलों को अगले वर्ष 12 फरवरी तक बंद रखा जाएगा। इस दौरान शिक्षकों को भी अवकाश रहेगा। हालांकि उन्हें अपने घरों से ही ऑनलाइन पढ़ाई करवानी होगी। गर्मियों की छुट्टियों वाले स्कूलों को लेकर दिसंबर में हालात को देखते हुए मंत्रिमंडल आगामी फैसला लेगा। सर्दियों की छुट्टियों में भी स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। पांचवीं और आठवीं से बारहवीं कक्षा की मार्च में वार्षिक परीक्षाएं ली जाएंगी।


सर्दियों के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र दिसंबर 2020 की जगह मार्च 2021 तक बढ़ा दिया है। इसके तहत पहली से चौथी, छठी-सातवीं के विद्यार्थी मार्च में फर्स्ट और सेकेंड टर्म की परीक्षाओं की असेसमेंट के आधार प्रमोट किए जाएंगे। पांचवीं सहित आठवीं से बारहवीं कक्षा की पूरे प्रदेश में एक साथ अगले साल मार्च में वार्षिक परीक्षाएं ली जाएंगी।

बोर्ड कक्षाओं की परीक्षाओं में तीस फीसदी कम किए गए सिलेबस और सवालों के अधिक विकल्प के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड देगा लेकिन परीक्षाएं शिक्षा विभाग लेगा। शिक्षा सचिव की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि हाई स्कूलों, सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और कॉलेजों में 26 नवंबर के बाद जरूरत के हिसाब से प्रिंसिपलों द्वारा शिक्षक-गैर शिक्षक बुलाए जा सकेंगे।

 

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