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हिमाचल प्रदेश में किसान आंदोलन के समर्थन में गुरुवार को दोबारा प्रदेश में विरोध प्रदर्शन होंगे। वामपंथ से जुड़े विभिन्न संगठनों ने तीन दिसंबर को किसान विरोध कानूनों को वापस लेने की मांग पर प्रदर्शन करने का एलान किया है। सीटू, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच प्रदर्शन में शामिल होंगे।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, किसान सभा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर, महासचिव डॉ. ओंकार शाद, महिला समिति प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रीना सिंह, सचिव फालमा चौहान, डीवाईएफआई प्रदेशाध्यक्ष अनिल मनकोटिया, सचिव चंद्रकांत वर्मा, एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष रमन थारटा, सचिव अमित ठाकुर, दलित शोषण मुक्ति मंच संयोजक जगत राम व सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा है कि मोदी व खट्टर की भाजपा सरकारें किसानों को कुचलने पर आमादा हैं।
कहा कि तीनों नए कृषि कानून पूर्णतया किसान विरोधी हैं। इन कानूनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा को समाप्त कर दिया जाएगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम के कानून को खत्म करने से जमाखोरी, कालाबाजारी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।
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