News portals-सबकी खबर (शिमला)
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए प्रदेश कांग्रेस ने जनता से सहयोग की अपील की है। भारत बंद के प्रस्तावित आठ दिसंबर के कार्यक्रम में हिमाचल कांग्रेस भी सहयोगी बनेगी। यह ऐलान पार्टी अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसानों के आठ दिसंबर के प्रस्तावित भारत बंद पर आमजन से पूरा समर्थन मांगा है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों पर थोपे गए नए कृषि कानूनों का कांग्रेस पहले से ही विरोध करती आई है और आठ दिसंबर के किसानों के प्रस्तावित भारत बंद का कांग्रेस पुरजोर समर्थन करती है।
राठौर ने कहा कि कांग्रेस देश के किसानों के साथ खड़ी है। केंद्र ने जिस प्रकार से देश के किसानों को अपनी मांगों के लिए दिल्ली जाने से रोकने के लिए उन पर आंसू गैस छोड़ी, लाठियां भांजी, पानी की बौछारें कर उन्हें रोकने का प्रयास किया, वह केंद्र का किसान विरोधी उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह किसान सीमा पर बैठ कर सरकार से इन काले कानूनों को रद्द कर वापिस लेने की शांतिपूर्ण तरीके से मांग कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि किसानों के साथ अब तक कि केंद्र सरकार की बैठकों में कोई निर्णय न लिए जाने से साफ है कि वह किसानों के प्रति कोई सकारात्मक सोच नहीं रखती।
राठौर ने कहा कि इन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के समर्थन में प्रदेश कांग्रेस ने किसानों का एक हस्ताक्षर अभियान चलाया था। इसमें एक लाख से ज्यादा किसानों ने हस्ताक्षर करके दिए हैं। यह सब हस्ताक्षर अखिल भारतीय कांग्रेस के द्वारा देश के राष्ट्रपति को भेजे जा चुके हैं। नए कृषि कानूनों के विरोध में अक्तूबर माह में मंडी में एक बड़ा किसान सम्मेलन आयोजित किया था, जबकि हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा व सिरमौर जिला में किसानों की एक बड़ी ट्रेक्टर रैली आयोजित कर इस कानून का जबरदस्त विरोध कांग्रेस ने प्रदेश में किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के साथ साथ सभी पार्टी संगठनों, विभागों से किसानों के बंद को पूरा समर्थन दें।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) व अन्य वामपंथी पार्टियों ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है और मांग उठाई है कि केंद्र सरकार इन कानूनों व बिजली विधेयक-2020 को तुरंत वापस ले।हिमाचल किसान सभा ने अखिल भारतीय स्तर पर चल रहे किसान आंदोलन के आठ दिसंबर के भारत बंद का समर्थन किया है। किसान सभा ने प्रदेश के विभिन्न किसान संगठनोंए फल एवं सब्ज़ी उत्पादक संघों, आढ़ती एसोसिएशंस, व्यापारियों व उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे भी खुलकर किसानों के समर्थन में आगे आएं।
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