News portals-सबकी खबर (शिमला )
हिमाचल के प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के निर्देश के बावजूद बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूल करने के आदेश जारी नहीं किए। मंगलवार को शिक्षा मंत्री के सिर्फ ट्यूशन फीस ही वसूलने को लेकर दिए बयान पर बुधवार को निदेशालय से लेकर सचिवालय तक बैठकों का दौर जारी रहा। देर शाम तक इस पर कोई लिखित आदेश नहीं हुए।
उधर, मनमानी फीस वसूली के विरोध में अभिभावकों ने बुधवार को करीब तीन घंटे उच्च शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। शिमला के अलावा नालागढ़, बद्दी, सोलन, कुल्लू, मनाली, मोहल, पालमपुर, नगरोटा में भी प्रदर्शन हुए। छात्र-अभिभावक मंच के बैनर तले उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर जुटे अभिभावकों ने सरकार, शिक्षा विभाग और निजी स्कूल प्रबंधनों के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त शिक्षा निदेशक से निजी स्कूलों पर नकेल कसने, ट्यूशन फीस को छोड़कर एनुअल चार्ज सहित सभी तरह के चार्जों पर रोक लगाने की अधिसूचना जारी करने की मांग की। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि जब शिक्षा मंत्री ने सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने को कहा है तो अफसरशाही लिखित आदेश जारी क्यों नहीं कर रही। अगर दो दिन में लिखित आदेश नहीं हुए तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
लिखित आदेश जल्द किए जाएंगे जारी : गोविंद
शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने सचिवालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि अधिकारियों को सिर्फ ट्यूशन ही फीस वसूलने के आदेश जारी करने को कहा है। जल्द ही इस बाबत पत्र जारी होंगे। उन्होंने निजी स्कूल प्रबंधनों से अपील की कि ऐसे समय में संयम का परिचय दें। कोरोना की वैक्सीन जल्द आ जाएगी। ऐसे में इस मामले को और अधिक तूल न दें। हालात ठीक होते ही स्कूल फिर सुचारु चलते रहेंगे। पहले भी कभी फीस को लेकर लड़ाई नहीं हुई है। उन्होंने दोहराया कि सरकार का निजी स्कूलों पर प्रत्यक्ष तौर पर नियंत्रण नहीं है। आगामी विधानसभा सत्र में हम पुराने एक्ट में संशोधन करेंगे, ताकि फीस को रेगुलेट किया जा सके। उन्होंने कहा कि कई निजी स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने फीस माफ की है।
बीते दिनों निजी स्कूलों के दबाव में आकर पूरी फीस चुकाने वाले अभिभावकों को क्या फीस रिफंड होगी या नहीं? इसको लेकर शिक्षा मंत्री ने स्थिति स्पष्ट नहीं की। उन्होंने कहा कि पुरानी फीस को लेकर अभी कुछ नहीं कह सकते। आगामी दिनों में पूरी फीस न ली जाए, इस पर हम दृढ़ हैं। गौर हो कि सरकार ने सबसे पहले निजी स्कूलों को निर्देश दिए थे कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान सिर्फ ट्यूशन फीस ही लें। इसके बाद करीब दो माह पहले सरकार ने निजी स्कूलों के दबाव में आकर लॉकडाउन के दौरान की सभी फंडों समेत ट्यूशन फीस वसूलने को कह दिया। अब अभिभावकों के विरोध के बाद सरकार ने फिर ट्यूशन फीस ही लेने के निर्देश दिए हैं।
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