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विकास खंड संगड़ाह की लाना-चेता पंचायत के ग्रामीणों द्वारा लिए गए पंचायत प्रतिनिधि निर्विरोध चुने जाने के निर्णय पर शनिवार को पलीता लगाता नजर आ रहा है। दरअसल शनिवार को यहां तीन प्रत्याशियों ने नामंकन दाखिल किया है। करीब 2200 मतदाताओं वाली लानाचेता पंचायत में विगत 28 दिसंबर को पंचायत की बैठक में सभी प्रतिनिधियों को निर्विरोध चुनने का फैंसला लिया गया था।
पंचायत में सर्वसम्मति बनाने के लिए बाकायदा एक कमेटी भी बनाई गई थी, मगर कोशिश पर उस वक्त पानी फिर गया जब शनिवार को प्रधान पद के लिए तीन व उपप्रधान के लिए तीन प्रत्याशियों ने नामंकन भर दिए। वहीं यही हाल लानापालर पंचायत में गत माह हुए पंचायत प्रतिनिधियों को निरीविरोध चुने जाने के फैसले के बावजूद यहां भी 2 नामंकन भरे गए। अब दोनों ही पंचायते दस लाख की इनामी राशि से वंचित होने की नोबत आ गई है। ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से लिए गए उक्त निर्णय का लागू न होना चर्चा में है, क्योंकि गिरिपार में ऐसे फैसलों की काफी अहमियत है।
उक्त पंचायतें निर्विरोध चुने जाने से यहां 10 लाख की इनामी राशि से विकास होना था। अब इन पंचायत में चुनाव की स्थिति पैदा हो गई है। लाना-चेता मे रीना देवी तथा लाना-पालर में सरीता को प्रधान चुने जाने का निर्णय लिया गया था। उक्त उम्मीदवारों द्वारा भी नामंकन भरे जा चुके हैं। विकास खंड संगड़ाह की 44 पंचायतों में अब तक दो ही पंचायतें सांगना व छोऊ-भोगर में ही निर्विरोध पंचायत पंचायत प्रतिनिधि चुने जा चुके है। 42 पंचायतों में 2 या 2 से ज्यादा नामंकन भरे जा चुके हैं।
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