News portals-सबकी खबर (पांवटा साहिब )
नगर परिषद प्रदेश के इतिहास में पहली ऐसी नगर परिषद है जिसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को भ्रष्टाचार के आरोप में इस्तीफे देने पड़े थे। पूरे पांच साल पांवटा नगर परिषद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी रही लेकिन किसी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई | नगर परिषद् में भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ दी, ऐसी नगर परिषद के लिए ऊर्जा मंत्री और उनके नुमाइंदे फिर भी वोट मांग रहे| यह बात पूर्व कांग्रेसी विधायक चौधरी किरनेश जंग ने कही।
बता दे कि पांवटा साहिब में नगर निकाय चुनाव में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी के लिए यह चुनाव नाक का सवाल बन गए है। इस बार मंत्री की साख दाव पर लगी है। 13 वार्डो में उतारे गए भाजपा समर्थिक प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए मंत्री खूब पसीना बहाया है।
पांवटा नगर परिषद चुनाव में इस बार कांग्रेस पार्टी ने कदम फूंक फूंक कर प्रत्याशी मैदान में उतारे है , जो ऊर्जा मंत्री की परेशानी का कारण बने हुए है।
पांवटा नगर परिषद वार्डों में तीन वर्षो से थमे विकास कार्य और पूर्व में भाजपा समर्थित नगर परिषद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप का मामला इस बार चुनावी मुददा बना हुआ है। इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी भली भांति भुना रही है। हालाँकि ऊर्जा मंत्री अभी तक दागदार परिषद् के पक्ष में सफाइयां देते भी फिर रहे है , लेकिन यदि सभी वार्डो में काम किया होता तो यू गलियों की खाक नही छानते नजर आते मंत्री, वही जिस भी वार्ड में ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी प्रचार में जा रहे है वहीं पर उन्हें भ्रष्टाचार के बारे में स्पष्टीकरण देना पड़ रहा है। उधर, ऊर्जा मंत्री का मानना है की भर्ष्टाचार के आरोप अभी सिद्ध नहीं हुए है , जबकि पूर्व नगर उपाध्यक्ष सरेआम सफाई के ठेके के बदले एक वायरल वीडियो में पैसे लेते नज़र आ रहे है।
उधर,पांवटा के पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग का कहना है की सुखराम चौधरी पांवटा साहिब में विकास नहीं करवा पाए , जबकि प्रदेश में भी उनकी सरकार , देश में भी उनकी सरकार और पूर्व नगर परिषद के अध्यक्ष व् उपाध्यक्ष भी उनके थे।
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