Breaking News :

मौसम विभाग का पूर्वानुमान,18 से करवट लेगा अंबर

हमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदल

आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 7.85 करोड़ रुपये की जब्ती

16 दिन बाद उत्तराखंड के त्यूणी के पास मिली लापता जागर सिंह की Deadbody

कांग्रेस को हार का डर, नहीं कर रहे निर्दलियों इस्तीफे मंजूर : हंस राज

राज्यपाल ने डॉ. किरण चड्ढा द्वारा लिखित ‘डलहौजी थू्र माई आइज’ पुस्तक का विमोचन किया

सिरमौर जिला में स्वीप गतिविधियां पकड़ने लगी हैं जोर

प्रदेश में निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निवार्चन के लिए तैयारियां पूर्ण: प्रबोध सक्सेना

डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस ने किया ओएनडीसी पर क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन

इंदू वर्मा ने दल बल के साथ ज्वाइन की भाजपा, बिंदल ने पहनाया पटका

November 24, 2024

हिमाचल प्रदेश के परंपरागत लाल चावल, कुल्थ व राजमाह को सरकार बड़ा बाजार दिलाने की तैयारी में

News portals-सबकी खबर (शिमला )

हिमाचल प्रदेश के परंपरागत लाल चावल, कुल्थ व राजमाह को सरकार बड़ा बाजार दिलाने की तैयारी में है। यहां के इन उत्पादों की महक और इनका स्वाद लोग नहीं भूलते। ऐसे में सरकार चाहती है कि इनका उत्पादन बढ़ाया जाए, जिससे उत्पादकों को भी बड़ी राहत  मिलेगी। कृषि विभाग ने इनको संजीवनी देने की तैयारी कर ली है। इनसे प्रदेश के बाजार गुलजार होंगे। बताया जाता है कि सेहत को लेकर लोगों में तेजी से बढ़ रही जागरूकता की वजह से भी पारंपरिक लाल चावल की मांग बढ़ रही है, क्योंकि शुगर रोग में यह काफी प्रभावी रहता है। लाल चावल हिमाचल में सैकड़ों सालों से पैदा हो रहा है, मगर जल स्रोतों के सूखने के साथ साथ लोगों के नकदी फसलों की तरफ  रुझान बढ़ने की वजह से इसकी पैदावार कम होने लगी।

लोगों ने इसे उगाना छोड़ दिया, मगर अब रासायनिक खादों से तैयार होने वाली फसलों से सेहत को होने वाले नुकसान को भांपते हुए लोगों ने एक मर्तबा फिर से लाल चावल के साथ अन्य पारंपरिक फसलों को भोजन में उपयोग करना आरंभ किया है। प्रदेश के कुल्लू, मंडी, शिमला, कांगड़ा व सिरमौर जिलों में लाल चावल की खेती करीब एक हजार हेक्टेयर भू-भाग में हो रही है। इसे बढ़ा कर पांच हजार हेक्टेयर तक ले जाने की विभाग की योजना है। जानकारों का कहना है कि लाल चावल में खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने की असीम शक्ति है। साथ ही इसमें फाइबर, जिंक, आयरन, नियानिस तथा विटामिन डी जैसे तत्त्व भी पाए जाते हैं। लाल चावल में ऑक्सीडेंट ज्यादा पाए जाते हैं। कैंसर के उपचार के लिए भी इसका उपयोग करने पर शोध चल रहे हैं। छौहरटू,  सुकारा, लाल झीनी प्रदेश में पैदा होने वाले लाल चावल की प्रमुख किस्में हैं।

किसानों को देंगे बीज

कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कि लाल चावल के साथ-साथ विभाग ने कुल्थ, राजमाह व माह की दाल के उत्पादन को बढ़ाने के मद्देनजर 15 फार्मों में इनका बीज तैयार कर किसानों को देने की योजना बनाई है। वीरेंद्र कंवर का कहना है कि विभाग ने 15 फॉर्मों में लाल चावल के साथ प्रदेश की पारंपरिक दालों के बीजों का उत्पादन कर किसानों को देने की योजना बनाई है।

Read Previous

बिजली बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ ने ऊर्जा मंत्री को विद्युत बोर्ड के प्रस्तावित निजीकरण (विद्युत विधयेक-2021) से होने वाले दूषित परिणामों को अवगत करवाया

Read Next

विकास को नई दिशा देने वाले बीडीओ का तबादला आखिर क्यों

error: Content is protected !!