News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
वह दिन दूर नहीं जब उपमंडल संगड़ाह की बड़यालटा घाटी साहसिक खेलों के मानचित्र पर अंकित होगी। बुधवार से यहां पैराग्लाइडिंग के लिए साइड डिवेलपमेंट का काम शुरू हो चुका है। यहां एक रिजोर्ट चला रहे बीडीसी अध्यक्ष संगड़ाह मेलाराम शर्मा के आवेदन के बाद जिला पर्यटन अधिकारी सिरमौर द्वारा साईट इंस्पेक्शन के लिए अटल बिहारी माउंटेनियरिंग इन्सिच्यूट मनाली की टीम को लिखा जा चुका है। गत 9 व 10 दिसंबर को यहां पैराग्लाइडिंग का सफल परीक्षण हो चुका हैं। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द यहां भी बीड़ बिलिंग की तरह मानव परिंदे उड़ान भरते दिखाई देंगे।
बीडीसी चेयरमैन तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पूर्व उपनिदेशक मेलाराम शर्मा ने बताया कि, पैराग्लाइडिंग साईड को मंजूरी मिलने की सूरत में सैंकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप में रोजगार मिलेगा। यहां मानव परिंदों की सोलो व टेंडम उड़ान का रोमांच दिसंबर माह में लोग देख चुके हैं। पैराग्लाइडिंग विशेषज्ञों ने इस स्थल को उड़ान के लिए उपयुक्त बताया है। अब तक कांगड़ा जिला की बिलिंग घाटी व मनाली पैराग्लाइडिंग व हैंग ग्लाइडिंग की वजह से दुनिया में नाम कमा चुकी है और यहां कईं ग्लाइडिंग प्रतियोगिताएं भी आयोजित हो चुकी है।
औपचारिकताएं पूरी होने पर बिलिंग के बाद अब जल्द ही बड़यालटा का नाम भी साहसिक खेलों के नक्शे पर अंकित हो जाएगा। बंता दें कि, संगड़ाह-हरिपुरधार-चौपाल मार्ग पर यहां से 11 किलोमीटर दूर बड़यालटा मे पैराग्लाइडिंग का सफल ट्रायल हो चुका है। बीड़ बिलिंग से आए पैरा पायलटों ने तलहटी में संगड़ाह-चाढ़ना मार्ग पर गांव लजवा के लिए करीब 25 मिनट की उड़ानें भरी थी। संदीप कुमार ने यहां अपने सहयोगी कमल शर्मा को साथ लेकर तथा पायलट संदीप कुमार ने कृष्ण शर्मा को साथ लेकर टेंडम उड़ान भरी और लजवा में चयनित लैंडिंग स्थल में पैराग्लाइडर को सफलतापूर्वक उतार दिया। बीड़ बिलिंग से पैराग्लाइडर्स की टीम के इंचार्ज पायलट मनजीत सिंह मनु के अनुसार यहां हवा का बहाव व दबाव पैराग्लाइडिंग के उपयुक्त पाया गया है।
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