News portals-सबकी खबर (संगड़ाह)
चूड़धार की तलहटी में बसे शिरगुल मंदिर गेलियो में जागरण का आयोजन किया गया। दमेनू, ढोल व नगाड़ों की ताल पर शिरगुल महाराज के जयकारे के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। स्थानीय लोक गायक कमलराज व गुमान सिंह ने पारंपरिक शिरगुल महाराज की महिमा के गायन से माहोल भक्तिमय कर दिया। शुक्रवार को गेलियो मंदिर के प्रांगण में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
शुक्रवार को मौसम खराब रहने व हल्की बारिश के चलते भी श्रदालुओं का मंदिर में आना नही रुका व भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे में तीन पंचायते देवना, थनगा, नौहराधार, देवामनल के अलावा स्कूली बच्चों सहित सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। चोकर पंचायत के केन्था में स्थित शिव मंदिर में भी भारी संख्या में पहुंचकर दूध चढ़ाया। महिलाओं ने शिव के भजनों पर नृत्य किया। 5 फ़ीट बर्फ पर पैदल चलकर शुक्रवार को भी कईं यात्री शिरगुल महाराज मंदिर चूड़धार पहुंचे।
हालांकि 30 नवम्बर से 15 अप्रैल तक चूड़धार यात्रा पर प्रशासन की और से रोक लगाई गई है, मगर इसके बावजूद शिवरात्रि पर्व पर लोग चूड़धार पहुंचे। महाशिवरात्रि पर 200 के करीब लोग चूड़धार पहुंचे थे। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि, चूड़धार के रास्ते में में इन दिनों 5 फुट बर्फ जमी है। इसलिए चूड़धार यात्रा करना अभी जोखिमपूर्ण व काफी रिस्की है। 15 अप्रेल के बाद मंदिर के कपाट खुलेंगे। तब तक प्रसाशन द्वारा यात्रा पर रोक लगाई गई है।
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