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गुणवत्ता में बेहतरीन होने की वजह से देश भर में हिमाचली मटर की डिमांड बढ़ने लगी है। पंजाब व राजस्थान के मटर को पछाड़ कर हिमाचली मटर मंडी में 38 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। मैदानी राज्यों में मटर का सीजन एक सप्ताह के बाद समाप्त हो जाएगा, ऐेसे में पहाड़ी मटर को अच्छे भाव मिलने की संभावना है। जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश मटर उत्पादन में अग्रणी राज्य है। काफी बड़े स्तर पर प्रदेश में मटर का उत्पादन किया जाता है। सोलन सब्जी मंडी की बात करें, तो एक सप्ताह में करीब छह हजार क्विंटल मटर मंडी में बिकने के लिए पहुंचा है। सोलन व सिरमौर से यहां पर किसान मटर की सप्लाई लेकर आते हैं। शुरुआती दौर में मटर का रेट 25 से 30 रुपए प्रतिकिलो था, लेकिन मात्र एक सप्ताह में रेट 38 रुपए प्रतिकिलो तक पहुंच गया है|
अधिकतर मटर की सप्लाई दिल्ली की आजादपुर मंडी में की जा रही है। बताया जा रहा है कि हिमाचल के साथ -साथ इन दिनों पंजाब व राजस्तान का मटर भी मंडियों में पहुंच रहा है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में जयपुर व पंजाब से आने वाला मटर मात्र 15 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। इन दोनों राज्यों में मटर का सजीन अब समाप्त होने की कगार पर है। आने वाले एक सप्ताह के बाद केवल हिमाचली मटर ही मंडियों में रह जाएगा। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मटर को अच्छा दाम मिल सकेगा। अगर ऐसा हुआ, तो मटर इस बार प्रदेश के किसानों को मालामाल कर सकता है। हालांकि गत वर्ष भी हिमाचली मटर का रेट 80 रुपए प्रतिकिलो तक गया था, लेकिन तब तक सीजन समाप्त होने की कगार पर था, जिसकी वजह से अधिक आर्थिक लाभ किसानों को नहीं हो पाया।
इस वर्ष शुरुआती दौर में ही रेट बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रदेश में मटर का सीजन अप्रैल माह के अंत तक रहता है। मार्केट कमेटी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा का कहना है कि मटर का रेट इस वर्ष काफी अच्छा मिल रहा है। बाहरी राज्यों का मटर अब समाप्त होने वाला है, जिसकी वजह से हिमाचली मटर का रेट बढ़ने की उम्मीद है।
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