News portals-सबकी खबर(शिमला )
हिमाचल में बढ़ते कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर अब प्रदेश सरकार ने कई बंदिशें भी लगा दी हैं। अब शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों और कॉलेजों में कार्यक्रमों के आयोजनों पर रोक लगा दी है। वही उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि आगामी आदेशों तक कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
उधर , सरकार ने डॉक्टरों, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फिर फील्ड में उतारने का फैसला लिया है। आइसोलेट मरीजों की जांच डॉक्टर पहले की तरह अब घर पर ही करेंगे। आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी फील्ड में उतरकर निगरानी रखेंगी। उपायुक्तों और सीएमओ को कोरोना संक्रमित मरीजों की कांटेक्ट हिस्ट्री तलाशने के लिए भी कहा गया है।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों, सीएमओ, बीएमओ को सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। हर दिन 8 से 10 हजार सैंपल लिए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में अभी ओपीडी बंद नहीं की जाएंगी। इन कॉलेजों में कोरोना मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित होंगे। कांगड़ा, शिमला, नालागढ़ और नेरचौक मेक शिफ्ट अस्पतालों में मरीजों के लिए 200 बिस्तरों की व्यवस्था है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) का नया ओपीडी भवन भी कोविड मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सिरमौर, ऊना, कांगड़ा और सोलन में बढ़ रहे मामले
सिरमौर, ऊना, कांगड़ा और सोलन जिले के बॉर्डर एरिया में कोरोना के ज्यादा मामले आ रहे हैं। ये क्षेत्र पंजाब, हरियाणा से सटे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने इन जिलों में सैंपल बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
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