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हिमाचल प्रदेश में अभी कोरोना से ग्रसित मरीज घर में ही आइसोलेट होंगे, गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में पहले की तरह मरीजों का ओपीडी में चेकअप होता रहेगा। रूटीन के ऑपरेशन भी चलते रहेंगे। कोरोना वार्ड में स्पेशलिस्ट डॉक्टर मरीजों को सेवाएं देते रहेंगे। प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और जिला चिकित्सा अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं। लोगों को कोरोना से सतर्क रहने को कहा गया है।
हिमाचल में बीते एक सप्ताह से कोरोना ने कहर बरपाया है। प्रतिदिन 300 से अधिक मामले आ रहे हैं और 2 से 3 लोगों की प्रतिदिन मौत हो रही है। अब तक 1025 मौतें प्रदेश में हो चुकी हैं। प्रदेश में करीब 2400 सक्रिय मरीज हैं। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि अस्पतालों में ओपीडी और ऑपरेशन चलते रहेंगे। ऊना, हमीरपुर, सोलन और कांगड़ा जिलों में ज्यादा लोग पॉजिटिव आ रहे हैं। सरकार ने विभाग को प्रदेश में प्रतिदिन करीब 10 हजार सैंपल लेने को कहा है।
15 अप्रैल तक पीक पर होगी कोरोना की दूसरी लहर
स्वास्थ्य विभाग 15 अप्रैल तक कोरोना के पीक पर आने की बात कर रहा है। हिमाचल में कोरोना की पहली लहर का प्रकोप दिसंबर के बाद कम होना शुरू हुआ था। मार्च में ही इसकी रफ्तार फिर बढ़ने लगी। एक महीने के भीतर ही राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या 2000 पार कर गई। हिमाचल का डेथ रेट भी 1.6 फीसदी है, जबकि रिकवरी रेट 95 फ ीसदी है। इससे पहले प्रदेश में जब कोरोना पीक पर था तो रिकवरी रेट गिरकर 80 फीसदी तक पहुंच गया था।
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