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राज्य सरकार प्रदेश में 69 सस्ती दरों वाले राशन डिपो को बंद करने की तैयारी में है। लंबे समय से इन डिपुओं का घाटा डेढ़ करोड़ से ज्यादा है, जो कि साल दर साल बढ़ता जा रहा है। ऐसे में इन्हें बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया है। यहां पर कार्यरत कर्मियों को विभाग में कहीं भी अरजेस्ट किया जाएगा। मंत्री ने साफ किया है कि घाटे में चल रहे डिपुओं को पूरी तरह बंद करने से पहले वहां पर व्यवस्था की जाएगी। लोगों से सुझाव लिए जाएंगे, ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। जब डिपो बंद हो जाएंगे, तो वहां पर नए डिपो भी खोले जाएंगे, जिससे लोग सामान ले सकें।
निगम के डिपुओं में घाटे में जाने का सबसे बढ़ा कारण कर्मचारियों के लिए दिए जाने वाला वेतन है। कर्मचारियों को वेतन पर निगम हर साल 2.90 करोड़ रुपए के करीब वहन करता है, जबकि निगम का कुल लाभ महज एक करोड़ 66 लाख 64 हजार के करीब है। निगम को हर माह 16 लाख 46 हजार रुपए के करीब डिपुओ का किराया देना पड़ता है। हर साल डिपुओं को चलाने के लिए साढ़े तीन करोड़ के करीब खर्चा व्यय करना होता है। जो निगम के लिए अब आसान काम नहीं रह गया है। इन्हीं खर्चों को कम करने के लिए निगम ने अब डिपुओं को बंद करने का निर्णय लिया है।
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