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जिला सिरमौर के उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह के साथ लगते गांव टिकरी के जंगल में लगी आग से करीब 2,000 बीघा जंगल में मौजूद करोड़ों की वन संपदा जलकर राख हो गई। रविवार सुबह मीठौर नाले से शुरू हुई आग तेज हवाओं के चलते करीब 3 बजे टिकरी गांव तक पहुंच गई। गांव मे आग पहुंचती देख 100 के करीब स्थानीय ग्रामीणों ने जान जोखिम मे डालकर आग बुझाने की हर मुमकिन कोशिश की।
इस दौरान हालांकि ग्रामीण अपने घरों तथा गुगा पीर मंदिर को बचाने में कामयाब रहे, मगर गांव के बाहरी तरफ मौजूद तीन पशुशालाएं जलकर राख हो गई। रमेश कुमार, गोविंद तथा जय सिंह की गौशालाओं में मौजूद मवेशियों को ग्रामीणों द्वारा समय रहते सुरक्षित निकाला गया। पूर्व पंचायत उपप्रधान अनिल भारद्वाज ने बताया कि, जंगल तथा घासनियां जलने से पशुचारे का संकट पैदा हो गया है। इस दौरान ग्रामीण स्थानीय पंचायत प्रधान के पति विरेंद्र सिंह द्वारा नजदीकी फायर स्टेशन नाहन मे भी कॉल की गई। मौजूद फायर ऑफिसर ने बताया कि, सभी गाड़ियां आर्मी एरिया नाहन तथा भूड़ गांव मे लगी आग बुझाने के लिए गई है।
गौरतलब है कि, उपमंडल मुख्यालय संगड़ाह में फायर स्टेशन न होने के चलते क्षेत्र में आगजनी की सूरत में हर साल करोड़ों का नुकसान होता है तथा यंहा दमकल विभाग की गाड़ी केवल मुख्यमन्त्री अथवा किसी केंद्रीय मंत्री के आने पर ही पंहुचती है। ग्रामीण या तो खुद जोखिम उठाकर आग बुझाते है या फिर संपत्ति राख के बाद ही आग बुझती है। हाल ही मे उपमंडल संगड़ाह की शिवपुर पंचायत में लगी आग से जहां 3 पालतू पशु जलकर मर गए,
वहीं बाऊनल गांव में 4 लोगों की फसलें गेहूं की फसल जल गई। गत माह सीऊं गांव में भी एक किसान की गौशाला चल चुकी है। तहसीलदार संगड़ाह आत्माराम नेगी ने बताया है, घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं। वन विभाग के आरओ संगड़ाह शमशेर सिंह के अनुसार उन्होंने यहां मौजूद स्थानीय कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए भेजा था। एसडीएम संगड़ाह डॉ विक्रम नेगी ने कहा कि, आगजनी से प्रभावित परिवारों को यथासंभव राहत राशि जारी की जाएगी।
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